इस संबंध में पीड़ित ने
एसीबी में शिकायत की थी। एसीबी के सत्यापन में रुपए लेना साबित हुआ था। इसके बाद टीम ने शुक्रवार सुबह छापेमारी की कार्रवाई की। हालांकि बताया जा रहा है कि आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि शिकायतकर्ता टेबल पर रुपए से भरा लिफाफा रखकर चला गया था। इसके बाद तुरंत ही एसीबी की टीम पहुंची थी।
गौरतलब है कि इससे पहले भी एसीबी में बांसवाड़ा जिले में कई कार्रवाई की थी। एसीबी ने पंचायत समिति में कार्यरत एक क्लर्क को 40 हजार रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई बांसवाड़ा के घाटोल पंचायत समिति दफ्तर में हुई थी। दरअसल वरिष्ठ महिला लिपिक ने अपने सहकर्मी के दस महीने के बकाया वेतन के भुगतान के लिए रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने इस संबंध में एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बांसवाड़ा की टीम ने रंगे हाथों को गिरफ्तार किया था।
वहीं इससे पहले बांसवाड़ा के भुंगडा थानाधिकारी और माही डेम चौकी के हेड कांस्टेबल को एसीबी ने रिश्वत लेने गिरफ्तार किया था। दरअसल थानाधिकारी ने पीड़ित और उसके भाई को झूठे केस में फंसाने के नाम पर 15 हजार रुपए मांगे थे। घूस की रकम लेने के लिए हेड कांस्टेबल राजेंद्र कुमार को भेजा गया था। शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने इसकी पुष्टी की और दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।