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बांसवाड़ा : 108 एम्बुलेंस का टायर फटा, पायलट और ईएमटी पर मंडराई मौत, वाहनों के रखरखाव की खुली पोल

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 30, 2018 12:52:35 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

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बांसवाड़ा : 108 एम्बुलेंस का टायर फटा, पायलट और ईएमटी पर मंडराई मौत, वाहनों के रखरखाव की खुली पोल

बांसवाड़ा/गनोड़ा. एम्बुलेंस 108 और 104 के रखरखाव में एक बार फिर लापरवाही समाने आई है। गाड़ी रखरखाव उचित न होने के कारण उदयपुर से लौट रही एम्बुलेंस 108 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसमें पायलट और ईएमटी गंभीर रूप से घायल हो गए। देर रात हुए हादसे में पायलट चंद्रकांत गामोट के सिर पर गंभीर चोट आई है और ईएमटी पीयूष जोशी का पैर भी चोटिल हुआ है। उनका महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार जारी है। जानकारी के अनुसार एम्बुलेंस 108 रैफर केस लेकर उदयपुर गई थी। लौटते समय रात एक बजे चन्दूजी का गढ़ा के पास अचानक ड्राइवर की साइड का आगे का टायर फट गया। जिससे गाड़ी अनियंत्रित होकर बिजली के पोल से टकरा गई। टक्कर के बाद सिर पर गंभीर चोट आने से पायलट बेहोश हो गया। इसके बाद ईएमटी ने जैसे-तैसे पायलट को बाहर निकाला और राहगीरों की मदद से अस्पताल पहुंचाया। हादसे में एम्बुलेंस भी काफी क्षतिग्रस्त हो गई।
यूं खुली वाहनों के रखरखाव की पोल
दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को देखने से साफ है कि टायर फटने से ही हादसा हुआ है। टायर पूरी तरह घिस चुका है। इसके अलावा उसमें कई कट भी नजर आए। बावजूद इसे सडक़ों पर उतार दिया गया। गंभीर बात यह है कि एम्बुलेंस की मरम्मत कार्य के बाद उसकी जांच करने का प्रावधान ही नहीं है। इस संबंध में डीपीएम ने कहा कि मरम्मत के बाद कम्पनी की ओर फिटनेस जांचने का प्रावधान है, लेकिन वो विभाग के सुपुर्द नहीं की जाती है। जिसके बाद सवाल यह उठता है कि यदि गाड़ी की फिटनेस की गई तो कमजोर टायर के साथ गाड़ी ऑनरोड कैसे आ गई।
जांच की बजाय बचाते नजर आए डीपीएम
गत माह में कई बार गाडिय़ों में खामियां होने के बाद भी एम्बुलेंस के दौडऩे की बात सामने आ चुकी है। बावजूद जिला कार्यक्रम अधिकारी की ओर से ठोस कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई गई। उक्त घटना के बाद भी विभाग के एक भी अधिकारी ने न तो घटनास्थल पर जाकर सत्यता जांचने की जहमत उठाई और न ही घायलों से जानकारी ली। मामले में डीपीएम ललित सिंह झाला ने मौका मुआयना करने की बजाय कम्पनी के अधिकारियों की बात मान गाड़ी के सामने रास्ते में गाय आ जाने की बात कही। साथ ही कहा कि दूसरे दिन मौके पर जाकर देखेंगे। यदि टायर फटने की बात समाने आती है तो कम्पनी को लिखकर देंगे।
पहले भी हुए हादसे
गत वर्ष नवम्बर माह में मोरडी मिल के पास भी गाड़ी में तकनीकी खामी के कारण दुर्घटना हुई थी। गनोड़ा से हृदयरोगी को लेकर आ रही यह 108 एम्बुलेंस मोरड़ी मिल के गेट के पास पलट गई थी। सज्जनगढ़ में 104 का स्टेयरिंग फेल होने से कुशलगढ़ 108 में कार्यरत कार्मिक और उक्त 104 का पायलट घायल हो गए थे। इसके अलावा मरीजों के ले जाने के दौरान भी कई हादसे हुए।
ढाई माह बाद ऑन रोड आई और हादसा
एम्बुलेंस संचालक कम्पनी और चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली का आलम यह है कि उक्त गाड़ी करीब ढाई माह से मरम्मत कार्य के लिए गई थी व 27 अगस्त को ऑनरोड आई थी। कुछ घंटों बाद ही टायर फटने से हादसा हो गया। जिससे स्पष्ट होता है कि गाड़ी की मरम्मत के बाद ऑनरोड करने से पहले जांच ही नहीं की गई और बिना जांच के ही उसे सडक़ पर फर्राटा भरने उतार दिया गया।
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