मेधावी छात्र है नाबालिग
बंशीलाल मेधावी विद्यार्थी है। बचपन से ही पढ़ाई के प्रति सजग रहा और प्रत्येक कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए। 12वीं में भी बंशीलाल प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ और उसने 65 फीसदी अंक अर्जित किए। बंशीलाल ने बताया कि वो अभी विवाह नहीं करना चाहता था। वो आगे पढकऱ जीवन मे ंकुछ बनना चाहता है, लेकिन उसके परिजन उसकी बातों से कोई इत्तेफाक नहीं रखते। वे सभी उसका बाल विवाह कराने पर आमादा थे। उसने कई बार विरोध भी किया, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी।
बंशीलाल मेधावी विद्यार्थी है। बचपन से ही पढ़ाई के प्रति सजग रहा और प्रत्येक कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए। 12वीं में भी बंशीलाल प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ और उसने 65 फीसदी अंक अर्जित किए। बंशीलाल ने बताया कि वो अभी विवाह नहीं करना चाहता था। वो आगे पढकऱ जीवन मे ंकुछ बनना चाहता है, लेकिन उसके परिजन उसकी बातों से कोई इत्तेफाक नहीं रखते। वे सभी उसका बाल विवाह कराने पर आमादा थे। उसने कई बार विरोध भी किया, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी।
रात के अंधेरे में बाल विवाह का खेल
बाल विवाह को लेकर तू डाल डाल तो मैं पात पात का खेल चल पड़ा है। लोग प्रशासन की मुस्तैदी देखकर दिन की बजाय रात के अंधेरे मे नाबालिगों के हाथ पीले करने की चाल चल रहे हैं। डागला गांव में नाबालिग के विवाह के मामले में भी ऐसा वाक्या सामने आया, जहां उसके परिजन दिन में कोई कार्यक्रम निर्धारित ही नहीं किया। बल्कि सभी आयोजन देर रात करने का निर्णय किया, जिसके तहत नाबालिग बंशीलाल की बारात देर रात तकरीबन 2 बजे लकेरिया जानी थी और उसका विवाह कार्यक्रम सुबह 4 बजे तय किया गया था।
बाल विवाह को लेकर तू डाल डाल तो मैं पात पात का खेल चल पड़ा है। लोग प्रशासन की मुस्तैदी देखकर दिन की बजाय रात के अंधेरे मे नाबालिगों के हाथ पीले करने की चाल चल रहे हैं। डागला गांव में नाबालिग के विवाह के मामले में भी ऐसा वाक्या सामने आया, जहां उसके परिजन दिन में कोई कार्यक्रम निर्धारित ही नहीं किया। बल्कि सभी आयोजन देर रात करने का निर्णय किया, जिसके तहत नाबालिग बंशीलाल की बारात देर रात तकरीबन 2 बजे लकेरिया जानी थी और उसका विवाह कार्यक्रम सुबह 4 बजे तय किया गया था।