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बांसवाड़ा : आधी रात में जाने वाली थी बारात, ब्रह्म मुहूर्त में नाबालिग बेटे की जिंदगी बर्बाद करने वाले थे माता-पिता, प्रशासन ने किया पाबंद

locationबांसवाड़ाPublished: May 17, 2018 02:21:32 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

घाटोल उपखंड के डागला गांव का मामला, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्रवाई

banswara
बांसवाड़ा. तेजपुर. जिले के घाटोल के डागला गांव में एक मेधावी बेटे का पिता ने विवाह कम उम्र में ही तय कर दिया, लेकिन नाबालिग के किसी हितैषी ने उसका जीवन बचाने के लिए विवाह की सूचना चाइल्ड हेल्प लाइन पर दी, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बुधवार सुबह डागला पहुंच नाबालिग के पिता एवं परिजनों को पाबंद किया। डागला गांव निवासी नारायाण डोडियार ने 17 वर्षीय बेटे बंशीलाल का विवाह गुरुवार को घाटोल के लकेरिया गांव में तय थी, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन टीम और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंच, नाबालिग के पिता नारायण डोडियार और माता हकरी को पाबंद किया कि बेटे का विवाह 21 वर्ष आयु पूर्ण होने के उपरांत कराएंगे। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग से उर्मिला पण्ड्या, इंदुबाला पटियात, शीला देवी, चाइल्ड लाइन से कमलेश बुनकर व बासूड़ा कटारा उपस्थित रहे।
मेधावी छात्र है नाबालिग
बंशीलाल मेधावी विद्यार्थी है। बचपन से ही पढ़ाई के प्रति सजग रहा और प्रत्येक कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए। 12वीं में भी बंशीलाल प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुआ और उसने 65 फीसदी अंक अर्जित किए। बंशीलाल ने बताया कि वो अभी विवाह नहीं करना चाहता था। वो आगे पढकऱ जीवन मे ंकुछ बनना चाहता है, लेकिन उसके परिजन उसकी बातों से कोई इत्तेफाक नहीं रखते। वे सभी उसका बाल विवाह कराने पर आमादा थे। उसने कई बार विरोध भी किया, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी।
रात के अंधेरे में बाल विवाह का खेल
बाल विवाह को लेकर तू डाल डाल तो मैं पात पात का खेल चल पड़ा है। लोग प्रशासन की मुस्तैदी देखकर दिन की बजाय रात के अंधेरे मे नाबालिगों के हाथ पीले करने की चाल चल रहे हैं। डागला गांव में नाबालिग के विवाह के मामले में भी ऐसा वाक्या सामने आया, जहां उसके परिजन दिन में कोई कार्यक्रम निर्धारित ही नहीं किया। बल्कि सभी आयोजन देर रात करने का निर्णय किया, जिसके तहत नाबालिग बंशीलाल की बारात देर रात तकरीबन 2 बजे लकेरिया जानी थी और उसका विवाह कार्यक्रम सुबह 4 बजे तय किया गया था।
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