बेसहारा गोवंश को मिलेगा आसरा
बांसवाड़ा. जिले में निराश्रित नर गोवंश, सडक़ों पर बढ़ती संख्या से उत्पन्न समस्या के निराकरण के लिए राज्य सरकार ने जिले में नंदी गोशाला स्थापना के लिए नंदीशाला जन सहभागिता योजना प्रारम्भ की है। संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. नेत्रपाल सिंह ने बताया कि योजना के तहत गोशाला मे सांड, बैल आदि का पालन किया जाएगा। गोशाला में 500 या उससे अधिक नर गोवंश होना आवश्यक है। गो संरक्षण व संवद्र्धन निधि के तहत लाभान्वित होने वाली संस्थाओं की पात्रता के बारे में बताया कि गोशाला स्थापना के लिए संस्था की स्वयं की भूमि या कलक्टर की ओर से आंवटित 25 बीघा भूमि की आवश्कता रहेगी।
बांसवाड़ा. जिले में निराश्रित नर गोवंश, सडक़ों पर बढ़ती संख्या से उत्पन्न समस्या के निराकरण के लिए राज्य सरकार ने जिले में नंदी गोशाला स्थापना के लिए नंदीशाला जन सहभागिता योजना प्रारम्भ की है। संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. नेत्रपाल सिंह ने बताया कि योजना के तहत गोशाला मे सांड, बैल आदि का पालन किया जाएगा। गोशाला में 500 या उससे अधिक नर गोवंश होना आवश्यक है। गो संरक्षण व संवद्र्धन निधि के तहत लाभान्वित होने वाली संस्थाओं की पात्रता के बारे में बताया कि गोशाला स्थापना के लिए संस्था की स्वयं की भूमि या कलक्टर की ओर से आंवटित 25 बीघा भूमि की आवश्कता रहेगी।
इसके लिए आवेदन पशुपालन विभाग से प्राप्त किए जा सकते हैं। जिले में एक नंदीशाला खोली जाएगी, जिसमें लाभार्थी को 50 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। 70 प्रतिशत राशि विभाग देगा तथा 30 प्रतिशत राशि संस्था को वहन करनी होगी। नंदी शाला में सार्वजनिक स्थल, सडक़ों, गांवों, शहरों से निराश्रित गोवंश का आश्रय दिया जाएगा। नंदीशाला नर गोवंश आवास निर्माण, चारा भण्डार गृह, पानी की खोली निर्माण, चारा ठाण निर्माण, पानी की टंकी, चारदीवारी तारबन्दी की जाएगी। इसे लेकर शुक्रवार सुबह 11 बजे नोडल अधिकारियों की बैठक होगी।