scriptजम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटते ही बच्ची ने लिया जन्म, दिन को यादगार बनाने परिवार ने बेटी का नाम रख लिया ‘कश्मीरा’ | After removing Article 370, the family named the daughter Kashmira | Patrika News

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटते ही बच्ची ने लिया जन्म, दिन को यादगार बनाने परिवार ने बेटी का नाम रख लिया ‘कश्मीरा’

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 07, 2019 04:37:24 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Article 370 Removed : ऐतिहासिक दिन की यादें ताजा रखने के लिए परिवार ने अपनी बेटी का नाम ‘कश्मीरा’ रख दिया

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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटते ही बच्ची ने लिया जन्म, दिन को यादगार बनाने परिवार ने बेटी का नाम रख लिया ‘कश्मीरा’

पूंजपुर/डूंगरपुर/बांसवाड़ा. देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अनुच्छेद 370 के हटने की चर्चा है। कहीं लोग खुशियां मना रहे हैं और सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम का स्वागत कर रहे है वहीं कुछ लोग इसके विरोध में भी खड़े है। खैर, केन्द्र सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर में सोमवार को धारा 370 तथा 35 ए हटाने की खुशी पर पूरे देश में जश्न का माहौल है। इसी जश्न के दौरान ही जन्मी अपनी बेटी का नाम पिता ने इस दिन को यादगार बनाने के लिए ‘कश्मीरा’ रख दिया। डूंगरपुर जिले के गेंहूवाड़ा के सिद्धराजसिंह शक्तावत के घर सोमवार को पहली संतान के रूप में पुत्री रत्न की प्राप्ति हुई। इस दौरान संसद में अनुच्छेद 370 एवं 35 ए हटाई गई। कश्मीर से कन्या कुमारी तक जश्न छा गया। इस पल की याद ताजा रखने के लिए मां नयनराज कुंवर व पिता ने प्यारी बेटी का नाम ‘कश्मीरा’ रख दिया। जच्चा बच्चा दोनों बांसवाड़ा के चिकित्सालय में है। सिद्धराजसिंह पूंजपुर पुलिस चौकी प्रभारी हैं।
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संक्षेप में जानें क्या था अनुच्छेद 370
अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के अनुसार देश की संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में केवल रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है। लेकिन, किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को केंद्र सरकार जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार से अनुमोदन मिले बगैर लागू नहीं करा सकती है। विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती। यानी जम्‍मू-कश्‍मीर में अन्‍य राज्‍यों की तरह राष्‍ट्रपति शासन नहीं लगाया जा सकता है। इसके अलावा देश के राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्‍त करने का अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं 1976 का शहरी भूमि कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता।
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