मौके पर कुछ ग्रामीणों ने बिजली के बिल मीटर की रीडिंग के अनुसार नहीं आने की शिकायत भी की। एक-दो ग्रामीणों ने यहां तक कहा कि लाइनमैन शराब के नशे में यहां वहां धुत्त मिलते हैं। शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं करते। ऐसे में एक्सईएन ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया और कहा कि बिलों को लेकर जो भी अन्य शिकायते हैंै, इसकी जांच करवाएंगे। वास्तविक उपभोग का ही बिल देना सुनिश्चित होने पर ही बिल जमा नहीं करने की बात पर लोग शांत हुए और लौटे।
शहरी उपखंड द्वितीय के अधीन करीब 650 उपभोक्ता ही हैं और बीडीटी लागू होते ही मोटे बिल देखकर उनमें से सौ से ज्यादा लोग बिफर कर सामने आ गए। सोमवार के इस घटनाक्रम ने कृषि उपभोक्ताओं की हकीकत सामने ला दी। ऐसे में जबकि गढ़ी, सज्जनगढ़ सहित देहात के उपखंडों में हजारों की संख्या में उपभोक्ता प्रभावित होकर दफ्तरों में पहुंचेंगे, तो आगे डिस्कॉम अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए संकट गहराने की आशंका हो गई है।
एईएन सेकंड के दफ्तर आकर ग्रामीणों ने बिल ज्यादा आने की शिकायत कर हंगामा किया था। बिल बीडीटी योजना लागू होने से ज्यादा आए हैं। इसमें हम कुछ नहंी कर सकते। ऊपर से मिले स्पष्ट निर्देश बता दिए हैं कि पूरा बिल भरने के बाद सब्सिडी संबंधित उपभोक्ता के बैंक खाते में आ जाएगी। इसके अलावा कोई शिकायत है तो उसके लिए सहायक अभियंता को निर्देश दिए हैं। गड़बड़ी की पुष्टि पर सुधार के बाद ही बिल भरने के लिए ग्रामीणों से कहा है।