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डूंगरपुर के कलक्टर बने बांसवाड़ा के आलोक रंजन, बोले- ‘वागड़ में आना सौभाग्य की बात है’

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 23, 2019 03:33:46 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Alok Ranjan Banswara : सरकारी स्कूल में पढ़े, कड़ी मेहनत से तीसरे प्रयास में मिली IAS में सफलता… अब डूंगरपुर के कलक्टर बने बांसवाड़ा के आलोक रंजन

डूंगरपुर के कलक्टर बने बांसवाड़ा के आलोक रंजन, बोले- वागड़ में आना सौभाग्य की बात है

डूंगरपुर के कलक्टर बने बांसवाड़ा के आलोक रंजन, बोले- वागड़ में आना सौभाग्य की बात है

बांसवाड़ा/डूंगरपुर. प्रदेश सरकार ने रविवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं। इसके तहत डूंगरपुर जिला कलक्टर के पद पर आलोक रंजन को पदस्थापित किया है। यह इससे पूर्व जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर थे। इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग कर चुके रंजन का गृह जिला बांसवाड़ा हैं। ऐेसे में उनके आदेश जारी होते ही सोशल मीडिया पर बधाइयों का दौर चला। वर्तमान में कार्यरत जिला कलक्टर चेतनराम देवड़ा को चित्तौडगढ़़ जिला कलक्टर लगाया है।
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पत्रिका से की विशेष बातचीत
वागड़ का ही होने से डूंगरपुर में पदस्थापन मिलना मेरे लिए गौरव की बात है। लेकिन, इसके साथ ही मेरे लिए यह चेलेंज भी है कि यहां के लोगों को समझ कर अधिक से अधिक उनके कार्य किए जाए। सरकार एवं आमजन के मध्य मजबूत कड़ी बन आहत को राहत दी जाए। यह बात डूंगरपुर के नए जिला कलक्टर आलोक रंजन ने पत्रिका से विशेष बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि सरकार की कई योजनाएं हैं। उन योजनाओं से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। सरकार की प्राथमिकताएं ही उनकी प्राथमिकताएं रहेगी तथा जल्द ही वे डूंगरपुर में ज्वाइनिंग देंगे।
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तीसरे प्रयास में सफलता
कलक्टर आलोक रंजन 26 दिसम्बर 1985 को हुआ है। माही और नूतन स्कूल में अध्ययन के बाद वह कोटा गए। वहां उन्होंने इंजीनियरिंग की। दो वर्ष तक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की सेवाएं देने के साथ ही उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी की और तीसरे प्रयास में सफलता अर्जित की। उनके पिता का नाम रमेश बृजवासी एवं मां का नाम विमलेश है।

डूंगरपुर है सिरमौर
रंजन ने कहा कि डूंगरपुर हर क्षेत्र में अव्वल है। सरकारी योजनाओं की क्रियान्विति के साथ ही स्वच्छता में डूंगरपुर पूरे देश में अपनी अलग छाप छोड़ रहा है। आई लव डूंगरपुर।
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