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अन्नपूर्णा दुग्ध योजना : सरकारी स्कूलों में दूध की यही कहानी, कहीं कम दूध का वितरण तो कहीं दूध में ज्यादा पानी

locationबांसवाड़ाPublished: Jul 31, 2019 02:09:40 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Annapurna Dudh Yojna, Annapurna milk Scheme : सरकारी स्कूलों में अन्नपूर्णा दुग्ध योजना का बंटाधार, समय पर भुगतान न होने का भी गम, फिर कैसे होंगे बच्चे हष्ट-पुष्ट

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अन्नपूर्णा दुग्ध योजना : सरकारी स्कूलों में दूध की यही कहानी, कहीं कम दूध का वितरण तो कहीं दूध में ज्यादा पानी

बांसवाड़ा. जनजातीय जिले के स्कूलों में सरकार की ओर से संचालित अन्नपूर्णा दूध योजना में गड़बड़ी की बू आ रही है और कई स्कूलों में सिर्फ खानापूर्ति ही हो रही है। कुछ स्कूलों में बच्चों को दूध नसीब ही नहीं हो रहा है तो कहीं पर कम मात्रा में और कहीं छात्र-छात्रा अनुपात में पूरा दूध करने के लिए पानी घोलकर गुणवत्ता को धत्ता बताया जा रहा है। बच्चों को पौष्टिक आहार की अनेदखी के अलावा योजना का दूसरा स्याह पहलू यह है कि स्कूलों को भुगतान समय पर नहीं होने से दूध आपूर्ति को नियमित रखने में स्कूल संचालकों को परेशानी हो रही है। राजस्थान पत्रिका टीम ने जिले के कई स्कूलों में इस मामले में मंगलवार को पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पढि़ए, कहां क्या हालात मिले।
दूध योजना में यह नियम
कक्षा एक से पांचवीं तक के प्रति बालक – 150 एमएलदूध
छठी से आठवीं तक प्रति बालक – 200 एमएल दूध।
भुगतान प्रक्रिया – संबंधित फर्म के नाम चेक के माध्यम से।
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यहां 21 की जगह 17 लीटर दूध
ठीकरिया. राउमावि सियापुर में मंगलवार को कक्षा एक से 8 तक के 145 में से 121 बच्चे उपस्थित हुए। कक्षा एक से पांचवीं तक के 47 बालक और छठी से आठवीं तक के 74 बच्चों को दूध पिलाया, जो कि छात्रों के अनुपात में कम था। यहां पड़ताल करने पर पोषाहार प्रभारी ने कुल 14 लीटर दूध खरीदना बताया, जबकि नियमानुसार बच्चों की उपस्थिति के आधार पर स्कूल में 21.850 लीटर दूध खरीदा जाना था। इससे भी कई सवाल खड़े हो रहे है।
यहां दूध ही नहीं नसीब
छोटी सरवा. राउमावि छोटी सरवा के हाल सबसे खराब हंै। यहां कक्षा एक से आठ तक लगभग 300 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। जिसमें भी 29 जुलाई तक दूध का वितरण नहीं किया गया। 30 जुलाई को 300 नामांकन में महज 10 लीटर दूध ही मंगवाया गया। संस्थाप्रधान रमेशचंद्र उपाध्याय ने बताया कि वे अभी जुलाई में ही आए हैं। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अध्यापक थावरचंद चारेल ने बताया कि जिस संस्था से दूध आता था, उसने दर बदलने की बात कही, जिससे दूध नहीं आया। कम दूध लेने की बात पर उन्होंने बताया कि कई बच्चे दूध नहीं पीते हैं। साथ ही कई अन्य समस्याओं जैसे विभाग से समय पर पैसा नहीं आना, शक्कर, गैस के पैसे नहीं मिलना आदि है।
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300 का नामांकन, दूध 17 लीटर
राउमावि शोभावटी में एक से आठ कक्षा तक 310 विद्यार्थियों का नामांकन है, पर सिर्फ 17 लीटर दूध मंगवाने के साथ ही दो जुलाई से दूध की शुरुवात करने की बात बताई गई। योजना में शुरू से कई दिक्कत भी आ रही है। राशि का भुगतान समय पर नहीं होने की समस्या भी शिक्षकों ने बताई। इधर, एक अन्य स्कूल खेरयापाड़ा में पहुंचने पर पता चला कि वहां पर 84 बच्चों का नामांकन है, पर अभी तक दूध शुरू नहीं किया गया है, जिसकी जानकारी छोटी सरवा पीओ केंद्र पर मौखिक रूप से दे रखी है।
दूध वाले को नियम विरुद्ध भुगतान
राउमावि सियापुर में दूध वितरण का भुगतान नियमानुसार नहीं हो रहा है। योजना की शुरुआत से ही दूध वाले को नकद राशि से भुगतान किया जा रहा है, जबकि विद्यालय से पोषाहार प्रभारी के नाम से चेक बन रहा है। यह नियम के विरुद्ध है। दूध वितरण का भुगतान फर्म के नाम से होना चाहिए। मामले में पोषाहार प्रभारी कुलदीप कुमार ने बताया कि बच्चे दूध नहीं पीते हैं। इसलिए ज्यादा दूध नहीं खरीदते। दूसरी ओर संस्था प्रधान पीके गुप्ता ने नकद भुगतान के बारे में बताया कि दूध वितरण वाले प्रतिमाह रुपए मांगते हंै, जबकि बजट विलंब से आता है। इसलिए पोषाहार प्रभारी उसे नकद भुगतान कर देते हैं। आगे से भुगतान चेक के माध्यम से ही होगा।
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यहां पिला रहे हैं दूध
परतापुर. स्थानीय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय छात्र एवं छात्रा दोनों में मंगलवार को दूध वितरण योजना की पड़ताल की गई, जिसमें रोजाना उपस्थिति के अनुसार कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को 150 ग्राम एवं कक्षा छह से आठवीं के विद्याथियों को 200 ग्राम दूध पिलाया जा रहा है। मंगलवार को राउमावि परतापुर छात्र में कक्षा एक से पांच में 34 छात्रों एवं 20 छात्राओं ने एवं कक्षा छह से आठ में 67 छात्रों व 15 छात्राओं कुल 136 विद्यार्थियों को 24.500 लीटर दूध पिलाया गया। इसी तरह राबाउमावि परतापुर में कक्षा एक से पांच में 35 छात्रों एवं 65 छात्राओं ने एवं कक्षा छह से आठ में 81 छात्राओं कुल 181 विद्यार्थियों को 31.200 लीटर दूध पिलाया गया।
दूध योजना के आंकड़े
अप्रेल 2019
11 ब्लॉक
181020 नामांकन प्राथमिक
93790 नामांकन उच्च प्राथमिक
475058 लीटर दुग्ध उपभोग
1.66 करोड़ कुल व्यय
मई 2019
09 दिन दूध दिया स्कूलों में
76245 लीटर उपभोग
26.74 लाख कुल व्यय

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