गर्वित ने बना दिया बॉर्डर सिक्योरिटी सिस्टम : – डा. कलाम से प्रेरणा लेकर गनोड़ा के एक बच्चे ने सेंसर और सेटेलाइट प्रणाली से बॉर्डर सिक्यूरिटी सिस्टम तैयार किया है। लिटिल एंजेल विद्यालय के छात्र गर्वित जैन ने बताया कि उसके प्रेरणा स्त्रोत डा. कलाम हैं। उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए मिसाइल बनाई है। इसलिए उसने भी प्रयास कर जवानों और देश की सुरक्षा के लिए ये सिस्टम बनाया है। सेटेलाइट और सिग्नल के बीच सेंसरशिप होती है उसी प्रणाली के अल्ट्रासाउंड सेंसर के जरिये बॉर्डर सिक्योरिटी सिस्टम बनाया है। ये भविष्य के लिए उपयोगी साबित होगा।
ऐसे करता है काम : – गर्वित को बॉर्डर सिक्योरिटी सिस्टम तैयार करने में काफी मेहनत करनी पड़ी। इस सिस्टम में कई सैंसर और तकनीक का इस्तेमाल किया गया है वहीं आउटपुट के लिए इसे एक लैपटॉप स्क्रीन से कनेक्ट किया गया है। जब इस सिस्टम के सामने लगे सैंसर्स के संपर्क में कोई ऑब्जेक्ट्स आता है तो यह उसे स्क्रीन पर डिस्प्ले कर देता है। लैपटॉप स्क्रीन पर दिखाई देने वाले रिजल्ट से यह भी पता लगाया जा सकता है कि सैंसर्स के सामने कितनी संख्या या मात्रा में आब्जेक्ट्स मौजूद है। गर्वित के अनुसार अगर इस तकनीक को बड़े स्तर पर विकसित कर यदि बॉर्डर पर स्थापित कर दिया जाए तो सामने आने वाले आब्जेक्ट्स को डिटेक्ट किया जा सकता है और किसी भी तरह की अनहोनी से पहले ही बचा जा सकता है।
आदिवासी बच्चा, कलाम के बारे में सब कुछ जानता, कुछ बनने की तमन्ना : – राउमावि झांतला में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हरीश निनामा पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे कलाम को अपना आदर्श मानता है। गांव और गरीब विद्यार्थी होने के बावजूद पढ़ाई में अव्वल हरीश निनामा बताता है कि वह पूर्व राष्ट्रपति जैसा तो नहीं बन सकता है, लेकिन उनकी तरह ही कुछ कर गुुजरना चाहता है। उसे कलाम के बारे में अच्छी जानकारी है। इस बच्चे की ललक देखकर स्कूल के प्रधानाचार्य अनंत जोशी हररोज उसे प्रोत्साहित करते हंै, विज्ञान की कहानियां सुनाते हंै। हर रोज स्कूल में एक वैज्ञानिक की कहानी सुनाई जाती है। पिछले दो साल यह क्रम बना हुआ है। पहले वैज्ञानिक की कहानी, फिर उपलब्धियां बताते हैं और बाद में कक्षाओं में इसके बारे में पूछा जाता है। यही कारण है कि स्कूल के अधिकांश बच्चों की सोच वैज्ञानिक बन गई है।