पुलिस के अनुसार चार सितंबर को शहर के खाटवाड़ा निवासी राकेश पुत्र दशाराम अहारी ने थाने मे दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी पर वह पाण्डव व्यायामशाला में गया हुआ था। तभी जुलूस के दौरान हुसैनी चौक में अचानक अज्ञात युवकों ने उसके सिर पर पेट्रोल बम मारा, जो उसके सिर में लगा। इसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गए। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने कई संदिग्धों को दबोचा। इसके बाद पूछताछ की गई तो आरोपियों के नाम सामने आए। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व इलाके में झगड़े में ग्यारह आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस न्यायिक अभिरक्षा में भेज चुकी है।
पिता और पुत्रों की हत्या के बाद भागे आरोपी मंदिरों में घुमते रहे, पीछे लगी रही पुलिस
बांसवाड़ा. तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने बाद आरोपियों ने अपना ज्यादातर समय धार्मिक स्थलों पर काटा। आरोपी ने सुबह करीब साढ़े दस बजे हत्याकांड को अंजाम दिया। इसके बाद बाइक एवं कार को लेकर घर पहुंचे। जहां कपड़े एवं अन्य जरूरी कार्य करने के बाद उदयपुर रोड स्थित गैरेज पर वारदात में प्रयुक्त कार को रखा। इसके बाद आरोपियों ने दूसरी कार ली और उसी में बैठकर फरार हुए।
कई जगह की तलाश
आरोपियों की पुलिस की अलग-अलग टीमों ने बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर, चित्तौडगढ़़, सिरोही, जैसलमेर एवं जोधपुर सहित अन्य कई जगहों पर तलाश की। मध्य प्रदेश के रतलाम, मंदसौर, नीमच के पुलिस अधिकारियों से भी आरोपियों के बारे में पूछताछ की गई।