सीआई ने बताया कि बांसवाड़ा में नए सीआई ने ज्वाइन नहीं किया है, वहीं घाटोल में पद रिक्त है। ऐसे में तीन थाना क्षेत्रों का जिम्मा होने से रात में इधर निगरानी मुमकिन नहीं होने से एक तरफ यह कदम उठाया गया है। वैसे भी लाइसेंसी रात में दुकानें बंद रखने के लिए पाबंद हैं और जब इसकी पालना कर रहे हैं तो सील से फर्क नहीं पड़ता। अवैध तरीके से शराब की निकासी करने वालों पर ही इसका असर होगा। जिले में 14 दुकानों के ठेके उठे ही नहीं है, जिससे सरकार को 28 करोड़ का नुकसान हो रहा है। जिन दुकानों के ठेके उठे हैं, वहां से शराब रात के अंधेरे में वेकेंट एरिया में भेजकर बिकवाई जा रही है। इससे दूसरी दुकानों का उठाव मुमकिन नहीं हो रहा। इस स्थिति पर नियंत्रण के लिए कदम उठाया गया है। अब प्रतिदिन रात 8 बजे बाद सभी लाइसेंसी दुकानों पर सील लगाकर दूसरे दिन सुबह 10 बजे सील खोली जाएगी।
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इधर, दुकानों पर लगाम से खफा लाइसेंसियों का कहना है कि क्षेत्र के कई गांवों में अवैध ढंग से शराब बनाई व बेची जा रही है। मध्यप्रदेश सीमा से सटे इलाकों में तो बड़ी मात्रा में सस्ती और अवैध शराब आ रही है और उसे ऊंचे ब्रांड की शराब के साथ मिलाकर बेचा जा रहा है। विभाग इस पर सक्रियता नहंी दिखा रहा, वहीं अधिकृत दुकानों को निशाना बनाकर परेशान कर रहा है।
इधर, दुकानों पर लगाम से खफा लाइसेंसियों का कहना है कि क्षेत्र के कई गांवों में अवैध ढंग से शराब बनाई व बेची जा रही है। मध्यप्रदेश सीमा से सटे इलाकों में तो बड़ी मात्रा में सस्ती और अवैध शराब आ रही है और उसे ऊंचे ब्रांड की शराब के साथ मिलाकर बेचा जा रहा है। विभाग इस पर सक्रियता नहंी दिखा रहा, वहीं अधिकृत दुकानों को निशाना बनाकर परेशान कर रहा है।
इनका कहना है…
कुशलगढ़ क्षेत्र में अधिकृत दुकानें रात में सील करने की जानकारी नहीं है। ऐसा हुआ है तो किन प्रावधानों के तहत किया गया, सीआई से जानकारी लेंगे।
धनेश खटीक, कार्यवाहक जिला आबकारी अधिकारी
कुशलगढ़ क्षेत्र में अधिकृत दुकानें रात में सील करने की जानकारी नहीं है। ऐसा हुआ है तो किन प्रावधानों के तहत किया गया, सीआई से जानकारी लेंगे।
धनेश खटीक, कार्यवाहक जिला आबकारी अधिकारी