तडक़े ही आ जमे योग करने
निरोगी काया की महत्वाकांक्षा लेकर तडक़े ही लोग स्टेडियम पहुंच गए। कुछ तो बाबा रामदेव पांच बजे पहले ही स्टेडियम पहुंच गए। भोर होते होते स्टेडियम भर गया और फिर योग का आसन जमा। बाबा ने अपने खास अंदाज में लोगों को करीब दो घंटे तक योग की विभिन्न क्रियाओं से बांधे रखा। इस दौरान तनाव का कोई नामो निशान नहीं था, जो अलसाए चेहरे लेकर आए, नींद के साये में थे, वे कुछ मिनट में ही स्फूर्ति के प्रतिबिंब बन गए और पूरी तरह योग में लीन हो गए। स्टेडियम में एक सुकूनदायी सन्नाटा पसरा था। यह सन्नाटा तभी टूट रहा था जब बाबा कोई बात कहते।
निरोगी काया की महत्वाकांक्षा लेकर तडक़े ही लोग स्टेडियम पहुंच गए। कुछ तो बाबा रामदेव पांच बजे पहले ही स्टेडियम पहुंच गए। भोर होते होते स्टेडियम भर गया और फिर योग का आसन जमा। बाबा ने अपने खास अंदाज में लोगों को करीब दो घंटे तक योग की विभिन्न क्रियाओं से बांधे रखा। इस दौरान तनाव का कोई नामो निशान नहीं था, जो अलसाए चेहरे लेकर आए, नींद के साये में थे, वे कुछ मिनट में ही स्फूर्ति के प्रतिबिंब बन गए और पूरी तरह योग में लीन हो गए। स्टेडियम में एक सुकूनदायी सन्नाटा पसरा था। यह सन्नाटा तभी टूट रहा था जब बाबा कोई बात कहते।
बाबा ने अपने चिरपिरिचत अंदाज में लोगों को बीच बीच में चुटीली बातें कहकर हंसी का ‘योग’ भी करा दिया। स्टेडियम कई बार ठहाके से गूंज उठा। इन ठहाकों के बाद लोगों ने खुद में नई ऊर्जा का अहसास पाया। दो घंटे तक योग करने के बाद हर किसी को दिन की ऐसी खूबसूरत शुरुआत से आनंद की अनुभूति हुई। कुछ संकल्प कर गए कि अब रोज योग करना है। स्टेडियम से लौटते हर चेहरे में असीम संतोष का भाव था और लोगों को ऐसा लग रहा था उन्हें कोई ऊर्जा का खजाना मिल गया। कुछ समय के लिए लोग अपने साध्य असाध्य रोगों का दर्द भी भूल गए।
118 तरह के आसन प्राणायाम और व्यायाम कराए
बाबा रामदेव ने करीब दो घंटे में करीब 118 तरह के आसन, प्राणायाम, व्यायाम का अभ्यास करवाया। शीर्षासन, बारह प्रकार के दण्ड के सजीव प्रस्तुति को देखकर लोगों ने तालियां बजाई।बाबा रामदेव ने समझाया कि कैसे योग रोगों से बचाता और शरीर से रोगों को भगाता है। कैसे छोटी छोटी क्रियाओं से शरीर की बड़ी से बड़ी समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही घरेलू उपचार, आहार चर्या व दिनचर्या के बारे में ज्ञान दिया।
बाबा रामदेव ने करीब दो घंटे में करीब 118 तरह के आसन, प्राणायाम, व्यायाम का अभ्यास करवाया। शीर्षासन, बारह प्रकार के दण्ड के सजीव प्रस्तुति को देखकर लोगों ने तालियां बजाई।बाबा रामदेव ने समझाया कि कैसे योग रोगों से बचाता और शरीर से रोगों को भगाता है। कैसे छोटी छोटी क्रियाओं से शरीर की बड़ी से बड़ी समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही घरेलू उपचार, आहार चर्या व दिनचर्या के बारे में ज्ञान दिया।