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बांसवाड़ा : मुख्यमंत्री के जाते ही छींटों की मार से सडक़ों पर लीपापोती तार-तार, फिर उभरे जानलेवा गड्ढे हजार

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 21, 2018 12:22:58 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

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banswara

बांसवाड़ा : मुख्यमंत्री के जाते ही छींटों की मार से सडक़ों पर लीपापोती तार-तार, फिर उभरे जानलेवा गड्ढे हजार

बांसवाड़ा. मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान शहर में कुछ मार्गो पर पेचवर्क और डामर की लीपापोती बरसात के कुछ छींटे पड़ते ही उधड़ गई है और सडक़ेंं फिर से वाहनधारियों के लिए खतरनाक साबित होने लगी हैं। कोई भी अपना सफर हिचकौले खाते और लहराते हुए चले बिना पूरा नहीं कर सकता। मुख्य सडक़ों के साथ गलियों की सडक़ों के हाल भी बुरे हैं। बड़े-बड़े गड्ढ़े और आवारा मवेशियों का साम्राज्य ‘कोढ़ में खाज’ का काम रहा है। इन हालात में हर दम वाहनधारी के दुर्घटना का शिकार बनने का खतरा बना हुआ है। अधिकारी आंखे मूंदे बैठे हैं।
शुक्रवार को भी गड्ढ़ों के कारण कुछ लोग गिरकर चोटिल हुए। वैसे तो पहले से ही सडक़ों की हालत काफी खराब थी। लेकिन बरसात होने से हालत और भी बदतर हो गई। छोटे गड्ढ़े बड़े हो गए। कस्टम से नाके तक की सडक़ इसकी गवाह है। जहां बरसाती पानी भरने से गड् ढे नजर भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे में वाहन चलाते समय जरा सा ध्यान चूका कि हादसा तय है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बांसवाड़ा दौरे के दौरान जरूर प्रशासन ने सडक़ों की सुध ली थी लेकिन वह भी उसी मार्ग पर पेचवर्क कराया गया जिधर से मुख्यमंत्री का काफिला गुजरना था।
शहर की किसी भी सडक़ से गुजरने पर बिना हिचकौले खाए वाहन चालक आसानी से नहीं निकल पा रहे हैं। लोग जैसे-तैसे गड्ढ़ों से बचकर सफर तय कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सडक़ों पर घूमने वाले मवेशियों का भी सामना करना मजबूरी हो गई है। मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक में जहां भी देखो उधर मवेशी ही मवेशी नजर आएंगे। इन्हें़ पालने वाले भी दूध निकालने के बाद पूरे दिन सडक़ों पर घूमने के लिए छोड़ देते हैं। जिला परिषद की ओर से भी इन मवेशियों को पकडऩे का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। नगर परिषद, जिला प्रशासन और सार्वजनिक निर्माण विभाग तीनों विभागों के अधिकारी भी रोजाना इन्हीं सडक़ों से गुजर रहे हैं। बावजूद समाधान पर कोई ध्यान नहीं है।
16 करोड़ के बजट की घोषणा
मुख्यमंत्री के बांसवाड़ा दौरे के दौरान शहर की सडक़ों की हालत सुधार के लिए करीब 16 करोड़ रूपए बजट की घोषणा भी की थी, लेकिन उसके उपयोग के फिलहाल आसार नजर नहीं आ रहे हैं लेकिन तब तक न जाने कितने और लोग गड्ढ़ों के शिकार हो जाएंगे।
दो-तीन दिन में ठीक हो जाएंगे गड्ढे
पुरानी सडक़ों पर गड्ढे अधिक हंै। मैंने भी शुक्रवार को अधिकारियों के साथ उनका जायजा लिया है। दो तीन दिन में उन्हें ठीक करवा दिया जाएगा। साथ ही मवेशियों को पकडऩे के लिए कई टीमें बनाई हैं। वे दिन में मवेशियों को रात के समय उन्हें पकडकऱ गौशालाओं में बंद करेंगी।
पी.एल. भाभोर, कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद , बांसवाड़ा
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