scriptबांसवाड़ा : अवैध बजरी को लेकर दिनभर दौड़, नतीजे में रहा फ्लॉप शो | Banswara: All day run over illegal gravel, result in flop show | Patrika News

बांसवाड़ा : अवैध बजरी को लेकर दिनभर दौड़, नतीजे में रहा फ्लॉप शो

locationबांसवाड़ाPublished: Feb 18, 2020 01:47:42 am

Submitted by:

Ashish vajpayee

डूंगरपुर मार्ग पर अगरपुरा नदी पर जुटी डीएसटी और गढ़ी पुलिस, खाली ट्रैक्टर छोड़कर पुलिस के लौटने पर पहुंची खनन विभाग की टीम

बांसवाड़ा : अवैध बजरी को लेकर दिनभर दौड़, नतीजे में रहा फ्लॉप शो

बांसवाड़ा : अवैध बजरी को लेकर दिनभर दौड़, नतीजे में रहा फ्लॉप शो

 बांसवाड़ा. संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई की मुहिम के तहत झोलाछाप के क्लीनिकों पर साझा कार्रवाइयां बेदम होने के बाद अवैध बजरी खनन में भी यही हाल हैं। सोमवार को पुलिस और खनन विभाग के सामंजस्य के अभाव में दिनभर दौड़भाग के बाद नतीजा सिफर रहा और दोनों की टीमें बैरंग लौटी।
हुआ यों कि पुलिस की जिला स्पेशल टीम और गढ़ी थाना पुलिस ने अगरपुरा में माही नदी के किनारे अवैध बजरी खनन पर कार्रवाई ने ठानी और सुबह 11.30 बजे तक डीएसटी और थाने का भारी-भरकम जाब्ता पहुंच गया। मौके पर दस-बारह टै्रक्टर बजरी से भरने के लिए खड़े किए हुए थे, वहीं आसपास बजरी की छोटी-बड़ी छानी हुई ढेरियां दिखलाई दीं। फिर खनन विभाग के अधिकारी को बुलाया गया, तो वे करीब तीन बजे तक पहुंचे। इस बीच, खाली ट्रैक्टर पर कार्रवाई मुमकिन नहीं मानते हुए पुलिस दल लौट गए। खनन विभाग के फोरमैन दीपक चरपोटा की टीम मौके पर पहुंची तब तक सभी ट्रैक्टर और बजरी की ढेरियां गायब हो गईं। ऐसे में कार्रवाई फ्लॉप रही। बाद में पुलिस और खनन विभाग इसे लेकर ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ते रहे। मामले में फोरमैन चरपोटा का कहना है कि अचानक सूचना मिली। पहुंचने में देरी पर पुलिस मौके से जब्ती कर गाडिय़ां थाने ला सकती थीं, लेकिन कुछ नहीं किया। फिर देरी की बात कहकर लौटना गलत है।
सीआई बोले-हम सहयोगी, वे ही नहीं आए
गढ़ी सीआई गोविंदसिंह राजपुरोहित ने बताया कि इत्तला सुबह 9.30 बजे ही एमई को दे दी, फिर मूवमेंट किया। मौके पर खाली ट्रैक्टर मिले, वहीं खनन विभाग की टीम घंटों तक नहीं आई। हम सहयोगी हैं और मूल काम खनन विभाग का है। जब उनकी टीम ही नहीं आई, तो खाली ट्रैक्टरों पर कार्रवाई कैसे होती। इसलिए छोड़कर लौटे।
एमई बोले-टीम भेजने तक पुलिस निकल गई, मौके पर कुछ नहीं मिला
इधर, खनि अभियंता राजेश आड़ा का कहना है कि सूचना पर टीम भेजी थी, लेकिन वह पहुंचे इससे पहले पुलिस मौके से निकल गई। फिर मौके पर एक भी गाड़ी नहीं मिली, तो फोरमैन दीपक चरपोटा गढ़ी सीआई से मिलकर लौट गए।
झोलाछाप पर कार्रवाई में भी रहे ऐसे हालात

इससे पहले चिकित्सा क्षेत्र में संगठित अपराध रोकने की मुहिम में गांवों में क्लीनिक खोलकर बैठे झोलाछाप पर कार्रवाई भी चिकित्सा विभाग से समन्वय नहीं होने से अपेक्षित नतीजे नहीं दे पाई। क्षेत्रीय एमओ साथ नहीं होने से पुलिस ने कई मौकों से कोई जब्ती नहीं की, वहीं केवल निरोधात्मक कार्रवाई से बड़ी संख्या में झोलाछाप छूट गए। अब अवैध बजरी खनन में भी यही स्थिति है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो