बांसवाड़ा

बांसवाड़ा : करोड़ों का बजट, फिर भी नहरों की बदहाली, जाया हो रहा माही का पानी, खराब हो रहे किसानों के खेत

राज्य सरकार की ओर से करोड़ों रुपये का बजट देने के बावजूद माही परियोजना के अधिकारी नहरों की मरम्मत में ढिलाई बरत रहे हैं। इसका खमियाजा जल प्रवाह शुरू होने के साथ ही सीपेज के कारण किसानों को भुगतना पड़ रहा है, वहीं बड़ी मात्रा में पानी की भी बर्बादी हो रही है।

बांसवाड़ाNov 26, 2019 / 06:55 pm

deendayal sharma

बांसवाड़ा : करोड़ों का बजट, फिर भी नहरों की बदहाली, जाया हो रहा माही का पानी, खराब हो रहे किसानों के खेत

बांसवाड़ा. राज्य सरकार की ओर से करोड़ों रुपये का बजट देने के बावजूद माही परियोजना के अधिकारी नहरों की मरम्मत में ढिलाई बरत रहे हैं। इसका खमियाजा जल प्रवाह शुरू होने के साथ ही सीपेज के कारण किसानों को भुगतना पड़ रहा है, वहीं बड़ी मात्रा में पानी की भी बर्बादी हो रही है। माही परियोजना की नहरों की मरम्मत को लेकर राज्य सरकार की ओर से बजट तो दिया जाता है, लेकिन सैकड़ों किमी क्षेत्र में फैले नहरी तंत्र के लिए यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। ऐसे में अधिकारी उपलब्ध बजट के आधार पर बांयी और दांयी मुख्य नहर, वितरिकाओं की मरम्मत तो करा रहे हैं, लेकिन अधिकांश हिस्से ऐसे हैं, जहां न तो नहरों की मरम्मत हो रही है और न ही जल प्रवाह से पहले पर्याप्त सफाई हो रही है।किसानों को नुकसान नहरी तंत्र की मरम्मत और सफाई नहीं होने से जल प्रवाह शुरू होने के बाद से कचरे के कारण पानी ओवरटॉप चलता है तो नहरों के समीप स्थित कृषि भूमि दलदली हो जाती है। अधिक समस्या सीपेज के कारण हैं। जगह-जगह रिसाव होने के कारण किसानों के खेत बरबाद हो रहे हैं। पानी से लबालब होने के कारण बुवाई तक नहीं हो पा रही है। शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र में एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर क्षतिग्रस्त नहरों के कारण सीपेज हो रहा है। भापोर, नवागांव,ओजरिया, निचला घंटाला और आसपास के इलाकों में नहरों से सीपेज की समस्या से किसान खासे त्रस्त हैं। किसानों का कहना है कि जल प्रवाह से पहले नहरों की मरम्मत व समुचित सफाई होने पर ही समस्या का समाधान संभव है, लेकिन इसके लिए कोई भी पहल नहीं कर रहा है, जिसका खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। साधारण सभा में भी उठे मुद्दे नहरों की सफाई नहीं होने, टेल तक पानी नहीं पहुंचे और सीपेज की समस्या के मामले जिला परिषद की बैठक में भी उठे हैं। गत अगस्त में हुई बैठक में भी मरम्मत के लंबित कार्यों को लेकर विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया, सदस्य गोविंदसिंह राव, राजेंद्र पाटीदार, महावीर पुरी आदि ने नाराजगी जताई थी।

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