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बांसवाड़ा कलक्टर की बेटी ने छोड़ा स्कूल, आठवीं तक पढ़ाई के बाद नहीं गई स्कूल, प्रशासन बेखबर

locationबांसवाड़ाPublished: Jan 18, 2020 01:23:33 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Banswara Collector Daughter, Collector Adopt Daughter : पांच साल पहले लिया था गोद, केंद्रीय विद्यालय में कराया था दाखिला, आठवीं तक की पढ़ाई, पिछले 8 माह से नही जा रही स्कूल

बांसवाड़ा कलक्टर की बेटी ने छोड़ा स्कूल, आठवीं तक पढ़ाई के बाद नहीं गई स्कूल, प्रशासन बेखबर

बांसवाड़ा कलक्टर की बेटी ने छोड़ा स्कूल, आठवीं तक पढ़ाई के बाद नहीं गई स्कूल, प्रशासन बेखबर

वरुण भट्ट/ चंदन सिंह राव. (बांसवाड़ा.) प्रदेश में सरकार जहां एक ओर अधिक से अधिक बालक-बालिकाओं को स्कूल से जोडऩे के प्रयासों में लगी हुई है, वही दूसरी ओर एक बड़ा मामला बांसवाड़ा जिले में सामने आया हैं। यहां करीब पांच साल पहले जिला प्रशासन (कलक्टर) ने जिस बेटी को गोद लिया था, उसने ही पढ़ाई छोड़ दी। खासबात तो यह भी है कि प्रशासन भी इससे बेखबर है। इसकी लिखित में जानकारी न तो प्रशासन एवं न ही समन्वय का जिम्मा जिन महकमों को है, उनके पास हैं। इतना ही नही पिछले आठ माह से स्कूल से अनुपस्थिति के बावजूद उसे वापस जोडऩे के विभिन्न स्तरों पर प्रयास पूरी तरह से नही हो पा रहे है। ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार शहर के निचला भोईवाड़ा की भूमिका को 9 वर्ष की उम्र में वर्ष 2013-14 में तत्कालीन जिला कलक्टर कुंज बिहारी गुप्ता ने गोद लिया था। माता-पिता की मौत एव आर्थिक तंगी के चलते भूमिका ममेरे भाई शंकर भोई के साथ रहती है। इसी के चलते प्रशासन ने गोद लेकर भरण पोषण की जिम्मेदारी ली थी। भूमिका का केंद्रीय विद्यालय में चौथी कक्षा में दाखिला भी कराया। पांच वर्षों में कलक्टर बदलते गए एवं आर्थिक सहायता कभी समय पर तो कभी देरी से पहुंचती भी गई, लेकिन कलक्टरों का स्नेह व दुलार भूमिका को बेहद कम ही मिला। इसी बीच भूमिका ने आठवीं तक केंद्रीय विद्यालय में अध्ययन किया एवं उसके बाद पिछले करीब आठ माह से स्कूल जाना ही बंद कर दिया। केंद्रीय विद्यालय प्रशासन ने भूमिका के परिवार तक इसकी जानकारी भी पहुंचाई, लेकिन वो अब भी स्कूल से दूर हैं।
ये कलक्टर रहे, लेकिन मिले कुछ ही : – भूमिका के भाई शंकर भोई के मुताबिक विभाग स्तर से बजट की व्यवस्था खर्च का बिल देने पर होता था। गोद लेने से अब तक के सफर में पांच कलक्टर बदले, लेकिन भूमिका से मुलाकात तत्कालीन कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित, भगवती प्रसाद कलाल, आशिष गुप्ता ने ही एक-एक बार की। तत्कालीन कलक्टर अनुपमा जोरवाल और वर्तमान कलक्टर अंतरसिंह नेहरा से भूमिका की मुलाकात नही हुई। अंतिम बार कलक्टर आशीष गुप्ता ने रक्षाबंधन पर बुलाया था और 10-15 मिनट की मुलाकात भी की थी। घर तक कोई कलक्टर नही पहुंचा। खासबात यह भी है कि पढ़ाई को लेकर प्रोत्साहन पर भी विशेष ध्यान नही दिया। हाल ही में 15 जनवरी को भूमिका का जन्म दिन भी था, लेकिन किसी ने खबर तक नही ली।
पढ़ाई में नही लगता मन : – पत्रिका से बातचीत में भूमिका ने पढऩे में मन नही लगने की बात कही। इसका मुख्य कारण अंग्रेजी माध्यम स्कूल होना है। अब भूमिका आठ माह से स्कूल ही नहीं जा रही है। वो इन दिनों घर पर है। उसके भाई शंकर का कहना है कि हम पढ़ाने को तैयार है, लेकिन पता नही ये क्यों नही जा रही।
हम पढ़ाने को अब भी तैयार : – ये पूर्व का मामला है। पता करने पर सामने आया कि आठवीं तक भूमिका ने अध्ययन किया। उसके बाद वो स्कूल ही नही आई। कई बार घर तक भी जानकारी भिजवाई। अब भी यदि वो पढऩा चाहती है तो हम पढ़ाने को तैयार है। फीस सहित अन्य पहलूओं की चिंता भी परिवार छोड़ दे। – उमाशंकर विजय, प्रधानाचार्य केवी
लिखित जानकारी नही : – मैंने कुछ माह पहले ही बांसवाड़ा में कार्यभार संभाला है। भूमिका की फाइल देखने पर ज्ञात हुआ कि पूर्व में भूमिका के परिवार तक तय राशि समय पर पहुंचाई गई है। अंतिम बार नवंबर 2018 में दस हजार से अधिक का बजट दिया था। हमारे पर भूमिका के स्कूल छोडऩे की लिखित में जानकारी नही हैं। – आशिन शर्मा, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
जानकारी नहीं है : – मुझे गोद ली गई बेटी के स्कूल छोडऩे के संबंध में जानकारी नही हैं। मैं आज ही पता लगाता हूं। – अंतर सिंह नेहरा, कलक्टर बांसवाड़ा

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