प्रकरण के अनुसार 12 अक्टूबर 2016 को आंबापुरा थाना इलाके के रतनपुरा कालिया निवासी रायचंद पुत्र हुमिया पारगी ने महात्मा गांधी चिकित्सालय में पुलिस को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बताया कि वह अपने घर पर था और उस दिन विजयदशवीं का दिन था। रावण दहन गांव से बदरेल छोटी में रात करीब बारह बजे हुआ, जहां उत्सव का आनंद लेने के बाद रतनपुरा कालिया निवासी उसका भाई केशु पुत्र हुमिया पारगी, शांति लाल पुत्र पूंजिया पटेल तथा दिनेश पुत्र देवा पटेल सभी अपने गांव वापस आ रहे थे। उस समय करीब 12:30 बजे रहे थे। ठीक उसी समय रास्ते में आंगनबाड़ी व स्कूल के पास पहुंचे तो ठीक उसी समय बीच रास्ते में गांव का अबू पुत्र हरजी मईड़ा कुल्हाड़ी लेकर खड़ा हुआ था। अबू ने बगैर कुछ बोलते हुए रायचंद के भाई केशु पारगी को जान से मारने की नियत से उस पर हमला बोल दिया। आरोपी अबू मईड़ा ने केशु पर कुल्हाड़ी से दो-तीन वार किए। इसमें उसकी गर्दन लहूलुहान हो गई। केशु जैसे तैस खून से लथपथ अवस्था में अपने घर पहुंचा और परिजनों को आपबीती बताई। इस पर रायचंद मौके पर पहुंचा तो वहां शांतिलाल पुत्र पूंजिया, दिनेश पुत्र देवा घायल अवस्था में पड़े हुए थे। उनके शरीर में चोटों के निशान थे और वे भी खून से लथपथ थे। इस वारदात के बाद रायचंद ने घायलों को जैसे-तैसे महात्मा गांधी चिकित्सालय पहुंचवाया, लेकिन इस बीच दिनेश पुत्र देवा पटेल की मौत हो गई। जबकि शांतिलाल की गंभीर स्थिति पर उसे उदयपुर रैफर किया गया। वहीं केशु का यहां एमजी हॉस्पीटल में उपचार चला।
प्रकरण के अनुसार इस रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए दिनेश की लाश का पंचनामा तैयार कर पीएम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। इसके बाद पुलिस ने केशु, रायचंद, शांतिलाल, सुरेश के बयान दर्ज किए और वारदात स्थल का निरीक्षण किया, जहां से पुलिस ने कई साक्ष्य एकत्रित किए। इसके बाद आरोपी अबू (35) पुत्र हीरजी मईड़ा को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण की पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने अबू को जानलेवा हमला एवं हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।