अकेले बांसवाड़ा शहर में 40 हजार से ज्यादा उपभोक्ता संदेह के दायरे में : – बिजली चोरी का जिले में आलम यह है कि महीनेभर पहले विजिलेंस छापों के समय फीडर स्तर पर काली कल्याणधाम और उपखंड स्तर पर आनंदपुरी बांसवाड़ा वृत्त के रेकॉर्ड में टॉप पर था। फिर छापों का असर हुआ तो राजस्व मिलने के साथ आंकडिय़ां हटने पर वैध कनेक्शन भी बढ़े। बावजूद इसके अकेले बांसवाड़ा शहर में 40 हजार से ज्यादा उपभोक्ता ऐसे हैं, जो 50 यूनिट उपभोग ही महीनेभर में बता रहे हैं, जबकि उनके बिजली उपकरण देखकर उपभोग का आंकड़ा दुगुना-तिगुना होने की शंका है। इन हालात पर भी अंकुश के प्रभावी उपाय दिखलाई नहीं दे रहे। छीजत का एक कारण कई जगह लाइनें बरसों पुरानी भी हैं। इसके साथ ही शहर के दिनोंदिन विस्तार के साथ लंबी होती लाइनें भी बिजली ट्रांसमिशन में छीजत बढ़ा रही है। ऐसे में दो-तीन नए जीएसएस की दरकार है, लेकिन वे प्रस्तावों में ही उलझे हुए हैं। निगम अधिकारी भी मानते हैं कि लंबी के बजाय छोटी लाइनों से छीजत घटने के साथ रखरखाव आसान होने से जब-तब बिजली गुल होने पर उपभोक्ताओं की परेशानी घटेगी, लेकिन इस दिशा में अपेक्षित प्रयास नहीं हो रहे। अधीक्षण अभियंता आरआर खटीक ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले हम 5 फीसदी कमी लाने में सफल रहे हैं, लेकिन और प्रयास की जरूरत है। बिजली चोरी रोकने के लिए विजिलेंस टीमें काम कर रही हैं, वहीं अब बंद और 50 यूनिट से कम उपभोग बताने वाले मीटर मीटर बदलने की कार्रवाई युद्धस्तर पर कर रहे हैं। इससे अगली तिमाही में छीजत और घटेगी।