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खराब तंत्र और बिजली चोरी की वजह से बिजली छीजत में बांसवाड़ा जिले की हालत सबसे बुरी, डिस्कॉम के प्रयास नाकाम

locationबांसवाड़ाPublished: Nov 21, 2019 12:12:10 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Ajmer Electricity Distribution Corporation : डिस्कॉम में पिछली तिमाही समीक्षा से खुलासा, लाख कोशिशों पर भी ज्यादा सफलता नहीं मिली

खराब तंत्र और बिजली चोरी की वजह से बिजली छीजत में बांसवाड़ा जिले की हालत सबसे बुरी, डिस्कॉम के प्रयास नाकाम

खराब तंत्र और बिजली चोरी की वजह से बिजली छीजत में बांसवाड़ा जिले की हालत सबसे बुरी, डिस्कॉम के प्रयास नाकाम

बांसवाड़ा. जिले में बिगड़ा बिजली तंत्र और चोरी अजमेर डिस्कॉम के लिए नासूर बन रही है। विद्युत वितरण निगम के उच्चाधिकारियों के लाख प्रयासों के बावजूद छीजत पर अंकुश नहीं लग पा रहा। नतीजा यह है कि पिछली तिमाही में डिस्कॉम के अधीन 11 जिलों में बांसवाड़ा 18.56 फीसदी ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लॉस (टीएंडडी) के साथ टॉप पर है। डिस्कॉम अजमेर स्तर पर हाल ही हुई समीक्षा से यह खुलासा हुआ है। निगम सूत्रों के अनुसार बांसवाड़ा में औसतन 18 लाख यूनिट बिजली का उपभोग हो रहा है, लेकिन इनके मुकाबले अपेक्षित राजस्व नहीं मिल रहा। यहां घरेलू, कृषि, अघरेलू सहित विभिन्न श्रेणियों के 2 लाख 41 हजार 682 कनेक्शन हैं, जिन्हें गाहेबगाहे तकनीकी कारणों से बिजली बंद होने की शिकायत रहती ही है, वहीं जो उपभोग रेकॉर्ड पर हो रहा है, उसका भी पूरा पैसा निगम को नहीं मिल रहा। इससे निगम में सतर्क ता की अलग विंग बिजली चोरी पर कार्रवाई के लिए सक्रिय है ही, ओएंडएम के फीडर लेवल से लेकर वृत्त में अधीक्षण अभियंता स्तर तक भी अंकुश लगाने और रिकवरी को लेकर हाथ-पैर मार रहे हैं, इसके बाद भी नतीजा बांसवाड़ा की किरकिरी करा रहा है।
अकेले बांसवाड़ा शहर में 40 हजार से ज्यादा उपभोक्ता संदेह के दायरे में : – बिजली चोरी का जिले में आलम यह है कि महीनेभर पहले विजिलेंस छापों के समय फीडर स्तर पर काली कल्याणधाम और उपखंड स्तर पर आनंदपुरी बांसवाड़ा वृत्त के रेकॉर्ड में टॉप पर था। फिर छापों का असर हुआ तो राजस्व मिलने के साथ आंकडिय़ां हटने पर वैध कनेक्शन भी बढ़े। बावजूद इसके अकेले बांसवाड़ा शहर में 40 हजार से ज्यादा उपभोक्ता ऐसे हैं, जो 50 यूनिट उपभोग ही महीनेभर में बता रहे हैं, जबकि उनके बिजली उपकरण देखकर उपभोग का आंकड़ा दुगुना-तिगुना होने की शंका है। इन हालात पर भी अंकुश के प्रभावी उपाय दिखलाई नहीं दे रहे। छीजत का एक कारण कई जगह लाइनें बरसों पुरानी भी हैं। इसके साथ ही शहर के दिनोंदिन विस्तार के साथ लंबी होती लाइनें भी बिजली ट्रांसमिशन में छीजत बढ़ा रही है। ऐसे में दो-तीन नए जीएसएस की दरकार है, लेकिन वे प्रस्तावों में ही उलझे हुए हैं। निगम अधिकारी भी मानते हैं कि लंबी के बजाय छोटी लाइनों से छीजत घटने के साथ रखरखाव आसान होने से जब-तब बिजली गुल होने पर उपभोक्ताओं की परेशानी घटेगी, लेकिन इस दिशा में अपेक्षित प्रयास नहीं हो रहे। अधीक्षण अभियंता आरआर खटीक ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले हम 5 फीसदी कमी लाने में सफल रहे हैं, लेकिन और प्रयास की जरूरत है। बिजली चोरी रोकने के लिए विजिलेंस टीमें काम कर रही हैं, वहीं अब बंद और 50 यूनिट से कम उपभोग बताने वाले मीटर मीटर बदलने की कार्रवाई युद्धस्तर पर कर रहे हैं। इससे अगली तिमाही में छीजत और घटेगी।
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