चार-चार फीट के गड्ढे
ग्रामीण भीम सिंह, कैलाश डामोर, विश्राम और दिलीप ने बताया कि सडक़ पर तीन-तीन, चार-चार फीट के गड्ढे बन गए। सडक़ परदो किमी का सफर तय करने में वाहन से भी आधा घंटा लग जाता था। बीमार को ले जाने एम्बुलेंस आती तो दो किमी दूर ही रुक जाती। तब दो किमी खाट पर ले जाना पड़ता। पैदल चलना भी दुश्वार। बच्चे पढऩे के लिए स्कूल जाते तो लौटकर आने पर कपड़ों पर खूब कीचड़ लग जाता। इससे 3 गांव कुंडला कला, क्षत्रिय पाड़ा और बोर तालाब गांव के तकरीबन दो सौ परिवारों के डेढ़ हजार लोग प्रभावित थे।
फैक्ट फाइल
02 किमी सडक़ की ग्रामीणों ने की मरम्मत
4-4 फीट के गड्ढों से मिली मुक्ति
02 शिक्षकों की प्रेरणा बनी मिसाल
100 विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत दे रही सभी को सुविधा
03 गांवों के लोग थे प्रभावित
1000 लोगों को मिलेगी राहत
ऐसे जगी अलख
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के दो युवा शिक्षक विकास खराड़ी और शम्भूलाल ने किशोरों और ग्रामीणों को प्रेरित किया। इसके बाद ग्रामीणों और बच्चों ने मिलकर सडक़ की मरम्मत कर तकरीबन 20 से 25 गड्ढों को भर सडक़ को चलने लायक बनाया। अब सडक़ पर गाडिय़ां कीचड़ में नहीं फंसती है और लोग पैदल भी आसानी से निकल पा रहे हैं।