अब तक इस एकेडमी का संचालन नूतन स्कूल करता था, लेकिन निरंतर उपेक्षा के चलते आखिर कार उसकी बांसवाड़ा से विदाई हो गई। विभाग ने अब सीकर के एसके स्कूल को एकेडमी संचालन की जिम्मेदारी दी है। बरसों पहले खिलाडिय़ों के रहने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के दफ्तर के ठीक सामने हॉस्टल बनाकर एकेडमी शुरू की गई थी। प्रारंभ के दिनों में 20 से 30 खिलाड़ी छात्र निवास करते थे, लेकिन पिछले 10 सालों से हॉस्टल ही खंडहर में तब्दील हो गया। इसके बाद हैंडबाल को लेकर खिलाडिय़ों का सपना भी खत्म सा हो गया। स्थानीय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों ने एकेडमी को बनाए रखने के कभी प्रयास नहीं किए। इसका असर यह रहा है कि जिले में हैंडबाल के खिलाडिय़ों की कमी होती गई।
इस साल प्रवेश के लिए 9 बच्चे आए, 3 का ही हुआ प्रवेश, एक का निरस्त इस वर्ष जुलाई में एकेडमी में प्रवेश के लिए 9 विद्यार्थियों ने आवेदन किया, लेकिन मापदंड और अन्य शर्तों के चलते तीन का ही प्रवेश हुआ। सुविधाओं का अभाव, होस्टल खस्ताहाल देखकर छह बच्चों ने प्रवेश नहीं लिया। तीन में से एक बच्चा जिला स्तरीय टीम में खेलने के कारण प्रवेश शर्तों से बाहर हो गया। आखिर दो बच्चे बचे, जिनमें से एक ने अपने स्तर पर ही नेशनल की तैयारी के लिए एकेडमी छोड़ दी और एक बच्चा अपने स्तर पर अभी है।
आठ दिन पहले मांगी थी तथ्यात्मक रिपोर्ट, अब तक नहीं भेजी निदेशालय ने आठ दिन पहले ही इस एकेडमी को लेकर विभाग और नूतन स्कूल से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन यह रिपोर्ट अब तक नहीं भेजी गई है। जिला खेल प्रभारी मानशंकर गरासिया ने बताया कि तथ्यात्मक रिपोर्ट मे दो दिन में भेजी जाएगी। इस बीच बुधवार को निदेशालय ने निर्णय करते हुए हैंडबाल एकेडमी को सीकर शिफ्ट करने के संबंध में आदेश जारी कर दिए है। हालांकि इस निर्णय को लेकर स्थानीय अधिकारियों को कोई भी जानकारी नहीं है। डीईओ मावजी खांट ने बताया कि इस मामले को लेकर उनके अभी तक कोई आदेश या निर्देश नहीं आए है।
बांसवाड़ा की एकेडमी हुई शिफ्ट पहले सीकर में राजस्थान क्रीड़ा परिषद की ओर से भी बास्केटबॉल एकेडमी की घोषणा हुई थी। लेकिन बाद में बजट के टोटे की वजह से शुरू नहीं हो पाई। अब सीकर में बांसवाड़ा की एकेडमी शिफ्ट की गई है। सूत्रों की मानें तो बांसवाड़ा में दूसरे खेल की एकेडमी संचालित हो सकती है।
इनका कहना है… शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा का कहना है कि सीकर शिक्षा के साथ खेलों में काफी आगे है। वर्षों से सीकर बास्केटबॉल का गढ़ भी रहा है। सीकर के खिलाडिय़ों व खेलप्रेमियों की भावना थी कि सीकर को एकेडमी मिले। अब शिक्षा विभाग ने सीकर के खिलाडिय़ों को उनका हक दिलाया है। छात्रावास के खिलाडिय़ों को हर महीने तीन हजार रुपए के भत्ते के अलावा अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।