रावत के ये अमर्यादित बोल जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में चर्चा के दौरान सामने आए। विद्युत निगम और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यो की समीक्षा के दौरान कई कार्य अधूरे होने, कृषि कनेक्शन लंबित होने, मनमर्जी से बिजली के बिल उपभोक्ताओं को जारी करने, जनता जल योजना के कार्य मौके पर हुए बिना भी पूर्ण बताने और जनप्रतिनिधियों की ओर से कार्य बंद होने तथा बिना तैयारी के आने व सवालों का गोलमाल जवाब देने पर राज्यमंत्री रावत उखड़ गए।
उन्होंने तीखे लहजे में विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता जी के पारीख से कहा कि ‘एसई साहब, अगली बार खड़ा करूंगा यहां और मुर्गा और बना दूंगा। क्या लगा रहा है। तुम भी सुन लेना पीएचईडी वाले, कलक्टर साहब कुछ नहीं कहते हैं तो इसका मतलब ये नहीं चलेगा। सरकार अच्छी योजनाएं लाती हैं और सरकार की योजनाओं को मूर्त रूप देने में तुमको शर्म आ रही है। इसलिए जिम्मेदार जो भी अधिकारी है, वह अगली बार पूरी तैयार करके आए अन्यथा नहीं आएं। ये क्या बात हो गई, ये तुम्हारी जिम्मेदारी है। जिन काश्तकारों के बिल ज्यादा जाते हैं, उन्हें सुधार लेना और हर चौथे दिन मीटिंग करो विभाग के अधिकारियों की। ये क्या बात हुई।’
मुझे कानून मत सीखा, चोर करोड़ों खा गए इसके बाद बैठक में बागीदौरा विधायक महेन्द्रजीत सिंह मालवीया के अमर्यादित बोल सामने आए। चिरोला तालाब से मिट्टी निकालने के मामले में पूछने पर कार्यवाहक खनिज अभियंता एस सिद्दीक ने कहा कि रॉयल्टी विभाग लेगा। पंचायत से संबंधित पार्टी ने अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया है। इस पर विधायक मालवीया ने पूछा कि गलत काम पर नोटिस कौन देगा। इसके जवाब से असंतुष्ट होकर मालवीया ने कहा कि ‘कानून मत सीखा। रॉयल्टी का पैसा पंचायत को ही मिलेगा। पेसा एक्ट जानते हो। कानून मैंने ही बनाया है।’ इसके बाद खान विभाग में हुए घोटाले के संदर्भ में बोले कि चोर। करोड़ों खा गए। हमें कानून सीखा रहे हो। इस दौरान बैठक में संसदीय सचिव भीमा भाई डामोर, विधायक जीतमल खांट, जिला प्रमुख रेशम मालवीया, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद, सीईओ हर्ष सावनसुखा सहित जिले के प्रधान, विभिन्न विभागों के अधिकारी और जिला परिषद सदस्य मौजूद थे।