बांसवाड़ा

राजस्थान निकाय चुनाव : बांसवाड़ा में 74 हजार मतदाता चुनेंगे 60 पार्षद, परतापुर में 17 हजार वोटर्स के हाथों में 25 पार्षदों का चयन

Rajasthan Municipal Election 2019, Banswara City Council Election 2019 : राजस्थान निकाय चुनाव, निर्वाचन आयोग ने जारी की अंतिम सूची

बांसवाड़ाOct 22, 2019 / 02:32 pm

Varun Bhatt

राजस्थान निकाय चुनाव : बांसवाड़ा में 74 हजार मतदाता चुनेंगे 60 पार्षद, परतापुर में 17 हजार वोटर्स के हाथों में 25 पार्षदों का चयन

बांसवाड़ा. आगामी नगर निकाय के चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की अंतिम सूची जारी कर दी है। बांसवाड़ा नगर परिषद में 74 हजार से अधिक 60 पार्षद और परतापुर-गढ़ी में 17 हजार से अधिक मतदाता 25 पार्षद चुनने को वोट डाल सकेंगे। बांसवाड़ा नगर परिषद में कुल 60 वार्ड रहेंगे। इसमें कुल 73 बूथ बनाए जाएंगे। 74 हजार 565 मतदाता वोट डाल सकेंगे, जिनमें 37 हजार 779 पुरुष तथा 36 हजार 785 महिला मतदाता होंगी। एक ट्रांसजेण्डर मतदाता भी सूची में है। इसी प्रकार नवगठित परतापुर-गढ़ी में कुल 25 वार्डों के लिए 25 बूथ बनाए जाएंगे। यहां कुल 17 हजार 284 मतदाता हैं, जिनमें 8 हजार 680 पुरुष व 8 हजार 604 महिला मतदाता हैं।
नई प्रक्रिया से बदलेंगे चुनावी समीकरण : – नगर निकाय चुनाव को लेकर लॉटरी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, किंतु इस बार राज्य सरकार की ओर से सभापति के चुनाव की प्रक्रिया बदलने से राजनीतिक दलों को भी अपने समीकरण बदलने होंगे। हालांकि बीते पांच चुनावों के इतिहास पर नजर डालें तो इसमें चार चुनावों में भाजपा का पलड़ा भारी रहा है। वहीं कांगे्रस एक बार अपना निकाय प्रमुख बिठाने में कामयाब रही है। निकाय चुनाव के अन्तगर्त इस बार राज्य सरकार ने सभापति पद के लिए यह अहर्ता तय की है कि कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकेगा और इसके लिए पार्षद बनना जरूरी नहीं होगा। ऐसे में राजनीतिक दल सभापति पद पर काबिज होने नए समीकरण बिठाने की जुगत में लग गए हैं। राजनीतिक हलकों से सभापति पद पर काबिज होने को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, उनमें कहा जा रहा है कि एक तो पार्षदों की संख्या के आधार पर ही प्रत्याशी चयन किया जाएगा। दूसरे इसी आधार पर पैराशूट प्रत्याशी भी उतारा जा सकता है। ऐसे में ऊंट किस करवट बैठेगा, इसका इंतजार रहेगा।
80 प्रतिशत सफलता : – बीते पांच चुनावों को देखें तो भाजपा ने चार बार अपना बोर्ड बनाया है। वर्ष 1994 में हुए चुनाव में भाजपा के मणिलाल बोहरा, 1999 में उमेश पटियात, 2004 में कृष्णा कटारा अध्यक्ष बनीं। वहीं 2014 में भाजपा से मंजूबाला पुरोहित सभापति बनी। वहीं 2009 में शहर के मतदाताओं ने पहली बार सीधे सभापति को चुना, जिसमें कांगे्रस के राजेश टेलर को सफलता मिली।
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