scriptबांसवाड़ा : शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल पर हिंदी में नाम स्वीकार्य नहीं, रजिस्ट्रेशन अटकने से प्रदेशभर में शिक्षक परेशान | Banswara: Names in Hindi not accepting on Shala Darpan portal of Educ | Patrika News

बांसवाड़ा : शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल पर हिंदी में नाम स्वीकार्य नहीं, रजिस्ट्रेशन अटकने से प्रदेशभर में शिक्षक परेशान

locationबांसवाड़ाPublished: Oct 18, 2019 11:25:30 am

Submitted by:

deendayal sharma

प्रदेश में शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल पर कक्षा एक से आठर्वी तक के शिक्षकों का ऑनलाइन पंजीयन महज इस कारण नहीं हो पा रहा है कि वे राष्ट्रभाषा हिन्दी में अपना नाम दर्ज कर रहे हैं। इस कारण प्रदेश के बड़ी संख्या में शिक्षकों का अब तक पंजीयन नहीं हो पाया है और वे इसके लिए परेशान हो रहे हैं।

बांसवाड़ा : शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल पर हिंदी में नाम स्वीकार्य नहीं, रजिस्ट्रेशन अटकने से प्रदेशभर में शिक्षक परेशान

बांसवाड़ा : शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल पर हिंदी में नाम स्वीकार्य नहीं, रजिस्ट्रेशन अटकने से प्रदेशभर में शिक्षक परेशान

बांसवाड़ा. प्रदेश में शिक्षा विभाग के शाला दर्पण पोर्टल पर कक्षा एक से आठर्वी तक के शिक्षकों का ऑनलाइन पंजीयन महज इस कारण नहीं हो पा रहा है कि वे राष्ट्रभाषा हिन्दी में अपना नाम दर्ज कर रहे हैं। इस कारण प्रदेश के बड़ी संख्या में शिक्षकों का अब तक पंजीयन नहीं हो पाया है और वे इसके लिए परेशान हो रहे हैं।
यह मामला तब सामने आया, जब मूल्यांकन पत्रक भरने के लिए शिक्षकों ने शाला दर्पण पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अपनाई। आवेदन भरने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ और कुछ ही समय बाद प्रक्रिया को फेल करार दे दिया गया। इस पर पूछताछ और पड़ताल में पता चला कि नाम हिंदी में भरा गया है, इस कारण रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। बताया गया कि शाला दर्पण पोर्टल पर पहले हिंदी और अंग्रेजी का विकल्प था। इसके चलते कई शिक्षकों ने हिंदी में नाम लिखकर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर दिया।
सुधार के लिए जयपुर भेजने होंगे कागज

शाला दर्पण के जिला प्रभारी दीनबंधु भट्ट ने बताया कि पोर्टल पर ही ऐसा सिस्टम कर रखा है जो शिक्षकों के नाम अंग्रेजी में ही स्वीकार करता है। प्रदेश के कई शिक्षकों के सामने यह समस्या आई है। ऐसे में अंग्रेजी में नाम दर्ज कराने के लिए शिक्षक को 10वीं की अंकतालिका, पोस्टिंग आर्डर की कॉपी, खाता बुक की पहले पन्ने की कॉपी और पीईईओ के प्रमाणीकरण पत्र के साथ जयपुर भेजनी होगी। इसके बाद ही अंग्रेजी में नाम दर्ज होगा। यदि यह प्रक्रिया नहीं की जाती है तो शिक्षक विभागीय रिकॉर्ड में नहीं आ पाएगा। इसका असर आने वाले दिनों में तनख्वाह को लेकर पड़ेगा। ऐसे में शिक्षक इसके लिए दौड़भाग कर रहे हैं और दस्तावेज जयपुर भिजवा रहे हैं।
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