बांसवाड़ा. राज्य कर्मचारियों का धरना और प्रदर्शन
बांसवाड़ाPublished: Feb 28, 2020 01:40:14 am
बांसवाड़ा. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के तहत राज्य कर्मचारियों की लम्बित मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर महासंघ पदाधिकारियों व सदस्यों ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया। धरना स्थल पर दिल्ली उपद्रव में शहीद राजस्थान के कांस्टेबल रतनलाल को श्रद्धाजंलि भी दी गई।
बांसवाड़ा. राज्य कर्मचारियों का धरना और प्रदर्शन
बांसवाड़ा. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के तहत राज्य कर्मचारियों की लम्बित मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर महासंघ पदाधिकारियों व सदस्यों ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया। धरना स्थल पर दिल्ली उपद्रव में शहीद राजस्थान के कांस्टेबल रतनलाल को श्रद्धाजंलि भी दी गई।
धरना-प्रदर्शन को लेकर महासंघ के पदाधिकारी व कार्यकर्ता सुबह 11 बजे से कलक्ट्री के बाहर एकत्र होना शुरू हो गए थे। यहां उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की। धरने को संयोजक महेश चौबीसा, महासंघ जिलाध्यक्ष अनिल मईड़ा, पटवार संघ जिलाध्यक्ष गिरवरसिंह लबाना, शिक्षक संघ प्रगतिशील जिला मंत्री राजेश गुदराशिया, नर्सेज एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रकमचन्द मईड़ा, कानूनगो संघ जिलाध्यक्ष सतीश वागले, गिरदावर संघ जिलाध्यक्ष किलेन्द्रसिंह चौहान, सहायक कृषि पर्यवेक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महेन्द्र कुमार देवतरा, पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष हीरालाल निनामा, शिक्षक संघ अम्बेडकर के सुरेन्द्र निनामा, ग्राम विकास अधिकारी संघ जिलाध्यक्ष भरत पटोत आदि ने संबोधित किया।
यह थी प्रमुख मांगें
1. राज्य सरकार की अधिसूचना 30.10.2017 द्वारा अनुसूची-5 में किए संशोधनों (मूल वेतन कटौती) को निरस्त कर कर्मचारियों से की जा रही वसूली पर तुरन्त रोक लगाई जाए।
2. वर्ष 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
3. राज्य कर्मचारियों को 7, 14, 21, 28, 32 की सेवा अवधि पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ देते हुए पदोन्नति पद का वेतनमान/पे मेट्रिक्स दिया जाए।
4. कर्मचारी कल्याण की गई घोषणाओं की क्रियान्विति में अधीनस्थ, मंत्रालयिक, सहायक कर्मचारियों एवं शिक्षकों की वेतन विसंगतियों दूर किय जाए।
5. रिक्त पदों को भरकर राज्य सरकार के अधीन अस्थाई, संविदा, मानदेय, अनुबन्ध के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
6. वित्त विभाग द्वारा 5 अक्टूबर 2018 को सामूहिक अवकाश के सम्बन्ध में जारी अधिसूचना को निरस्त किया जाए।
7. राज्य में पी.पी.पी., ठेका प्रथा, निजीकरण, विभागों का आकार घटाना एवं पदों की कटौती बंद कर रिक्त पदों को शीघ्र सीधी भर्ती द्वारा भरा जाए।