दरअसल, बरसात के बाद नगर परिषद की ओर से विभिन्न कार्यों की 30 अगस्त 2019 को निविदा जारी की गई थी। इसमें शहर की सडक़ों पर पेचवर्क कार्य करना भी सम्मिलित था। ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया 11 नवम्बर को पूर्ण की गई। इस निविदा के पैकेज संख्या एक में नगर परिषद क्षेत्र में डामर सडक़ पर 38 लाख रुपए खर्च कर पेचवर्क कार्य कराया जाना था। निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद संवेदक को कार्यादेश दिया गया, जिसे दो माह में कार्य पूर्ण भी करना था। संवेदक की ओर से यह कार्य भी कराया गया, लेकिन इसमें गुणवत्ता की पूरी तरह अनदेखी की गई। चंद दिनों में ही जिन स्थानों पर पेचवर्क किया गया, वहां कंकरीट बिखर गई और वर्तमान में भी यह जस की तस है। कई जगह बड़े पेच तो निकाले गए, लेकिन छोटे पेच छोड़ दिए गए, जिससे अभी भी सडक़ों की दुर्दशा है।
… और बना दिए बिल
इस कार्य के दौरान कमजोर मिट्टी को हटाने, पूरी तरह से मिट्टी को साफ कर पेच निकालने के लिए डामर, कंकरीट के मिश्रण को बिछाना था, लेकिन इस कार्य में सिर्फ औपचारिकता निभाई गई। तकनीकी मापदंडों की पूरी तरह से अवहेलना कर पतली सी परत बिछा दी गई और कार्य पूर्ण बता दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि जहां परत बिछाई गई थी, वहां चंद दिनों में कंकरीट बिखर गई और डामर भी उखड़ गया। वहीं कई जगह तो पेच ही छोड़ दिए गए हैं, जिन पर आज तक नजर भी नहीं डाली गई है। वर्तमान में राजतालाब, खांदू कॉलोनी, पुराना बस स्टैंड क्षेत्र आदि स्थानों पर कंकरीट बिखरी पड़ी है। कई जगह सडक़ों पर गड्ढे हैं और लोगों व वाहनधारियों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्र बताते हैं कि बावजूद संवेदक की ओर से कार्य पूर्ण करने की जानकारी पर इसके बिल बना दिए गए।
इनका कहना है
इस कार्य के बिल पेश कर दिए गए हैं, लेकिन पेचवर्क के कार्य सही नहीं होने की जानकारी मिली है। इस पर भुगतान प्रक्रिया को रोकने के निर्देश दिए हैं।
– पीएल भाबोर, आयुक्त नगर परिषद, बांसवाड़ा।