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बांसवाड़ा में नौ दिवसीय मानस ज्ञान गंगा प्रारंभ

locationबांसवाड़ाPublished: Dec 14, 2019 12:39:59 am

Submitted by:

Varun Bhatt

बांसवाड़ा. शहर के कुशलबाग मैदान में शुक्रवार को नौ दिवसीय मानस ज्ञान महायज्ञ शुरू हुई। यहां चौपाइयों, दोहों और सोरठों के धारा प्रवाह ने जनमानस को श्रद्धा और भक्ति से आल्हादित कर दिया।

बांसवाड़ा में नौ दिवसीय मानस ज्ञान गंगा प्रारंभ

बांसवाड़ा में नौ दिवसीय मानस ज्ञान गंगा प्रारंभ

यह वर मांगउ कृपा निकेता, बसहु हृदय सिय अनुज समेता

बांसवाड़ा में नौ दिवसीय मानस ज्ञान गंगा प्रारंभ


बांसवाड़ा. शहर के कुशलबाग मैदान में शुक्रवार को नौ दिवसीय मानस ज्ञान महायज्ञ शुरू हुई। यहां चौपाइयों, दोहों और सोरठों के धारा प्रवाह ने जनमानस को श्रद्धा और भक्ति से आल्हादित कर दिया।
श्रीरामचरित मानस मंडल के तत्वावधान में अनुष्ठान के पहले दिन संत विश्वम्भरदास फलाहारी महाराज का पुण्य स्मरण कर 2108 मानस पारायण की संकल्प साधना के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। घंटों तक चले मानस पाठ में गुजरात के पं. नंदकिशोर शास्त्री की अगुवाई में महिलाओं-पुरुषों ने समवेत स्वर में सहभागिता की।
इससे पहले बैंड-बाजे के साथ पौथी यात्रा सूचना केंद्र के पास से शुरू होकर आयोजन स्थल पर पहुंची। इसमें मुख्य यजमान पं. जयन्तीलाल भट्ट मस्तक पर श्रीरामचरित मानस धारण कर चल रहे थे, तो पीछे श्रद्धालुओं का हुजूम जयघोष करते हुए बढ़ा। व्यासपीठ तक पहुंचने पर यहां पं. शास्त्री का जयन्तीलाल भट्ट व परिजनों मालती देवी, राहुल, विकास और पूजा ने पं. महेंद्र आचार्य के मंत्रोच्चार के बीच पूजा अर्चना विधान किया। इस अवसर पर पं. शास्त्री का स्वागत मंडल अध्यक्ष महेश पंचाल, महासचिव अमृत पंचाल, शान्तिलाल भावसार, दिनेश उपाध्याय, राजेन्द्र कुलश्रेष्ठ, वीरेन्द्र दोसी, अरूण दोसी, देवीलाल मेहता, शंकरलाल अग्रवाल, नरहरिकान्त भट्ट, नन्दलाल शर्मा, अशोक पंचाल, हितेश वैष्णव आदि ने किया। शुरुआत में पं. शास्त्री के सानिध्य में मानस पारायण श्रीगणेश की स्तुति, संकल्प, विनियोग व न्यास के साथ हुआ। शिव पंचाक्षर नाम मन्त्र माला जाप और हनुमान चालिसा पाठ के उपरांत ‘यह वर मांगउ कृपा निकेता, बसहु हृदय सिय अनुज समेता….’ चौपाई के साथ समवेत स्वरों में संगीतमय रामायण की चौपाइयांं, दोहा, सोरठा, छंद की सुर सरिता अनवरत बही।
मानस में जीवन ही हर समस्या का समाधान

इस अवसर पर व्यासपीठ से पं. नन्दकिशोर शास्त्री ने कहा कि दुनिया की परिपूर्ण व्यवस्था मानस में सन्निहित है। इसका श्रवण कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। जीवन की हर समस्या का समाधान मानस में मिलेगा। इसे आत्मसात कर आत्मोत्थान प्राप्त किया जा सकता है। इससे पहले स्वागत उद्बोधन में मण्डल अध्यक्ष महेश पंचाल ने अनुष्ठान का ध्येय बताया। संचालन महामंत्री अमृतलाल पंचाल ने किया।
बाल पंडित की श्रीरामकथा आज से
अब शनिवार को अपराह्न 3 बजे से पांचवीं कक्षा के छात्र बाल पंडित शशिशेखर की श्रीराम कथा का आगाज होगा।

संत रामलखन दास वेदांती महाराज से वर्ष 2017 में दीक्षा प्राप्त बाल कथाकार के पिता झांसी निवासी पं. शशिकान्त दुबे के अनुसार शशिशेखर अपने नाना भागवत आचार्य पं. देवेन्द्र तिवारी और माता वतीदेवी से प्राप्त आध्यात्मिक वातावरण में भजन-कीर्तन और सत्संग के साथ रामकथा तथा भक्तमाल पर प्रवचन करने लगा। सॉफ्टवेयर इंजीनियर दुबे का दावा है कि वह 31 राग-रागिनियों का ज्ञान स्वत: प्राप्त कर चुका है। वह अभी मउरानीपुर जिला झांसी उत्तरप्रदेश स्थित इण्डियन पब्लिक स्कूल का विद्यार्थी है।

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