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बांसवाड़ा : बीच राह फिर खराब हुई एम्बुलेंस, जच्चा-बच्चा को खाने पड़े सर्द हवा के थपेड़े

locationबांसवाड़ाPublished: Dec 07, 2017 01:16:11 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

छोटी सरवा पीएचसी का मामला

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बांसवाड़ा. छोटी सरवा. छोटी सरवा की खस्ताहाल एम्बुलेंस सेवा से इस बार जच्चा-बच्चा के जीवन से खिलवाड़ होते होते बचे। बुधवार को आदर्श पीएचसी मेें प्रसव के बाद प्रसूता को घर छोडऩे जा रही 104 एम्बुलेंस बीच राह खराब हो गई और बारिश व कंपकंपाती सर्दी में जच्चा-बच्चा को खुले मेें खड़े रहने से उनकी जान पर बन आई। बाद में 108 एम्बुलेंस से उन्हें गांव भेजा गया।
यह मामला

ग्राम पंचायत गोपालपुरा के पूनिया कुड़ी गांव निवासी सविता पत्नी मुन्ना मैड़ा को मंगलवार रात प्रसव पीड़ा होने पर परिजन ने छोटी सरवा पीएचसी में भर्ती कराया। उसका रात को प्रसव हो गया। बुधवार को दोपहर बारह बजे के आसपास उसे छुट्टी दे दी गई। इस पर सविता दो महिला परिजन के साथ 104 एम्बुलेंस से घर के लिए रवाना हुई। एम्बुलेंस छोटी सरवा के मुख्य बाजार में ही तकनीकी खराबी के चलते बंद हो गई। चालक ने काफी मशक्कत की लेकिन उसे एम्बुलेंस स्टार्ट करने में सफलता नहीं मिली। काफी देर तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं हो पाई।
जहां एम्बुलेंस बंद हुई वहां चारों को बारिश का पानी भरा था। प्रसूता को बारिश के पानी से होकर गुजरना पड़ा और बाद में दुकान के छज्जे के नीचे खड़े होकर समय काटने को मजबूरी हुई्र। इस दौरान जच्चा और बच्चा सर्दी के थपेड़े खाते रहे। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक दिन के नवजात की जान पर कैसा संकट मंडराया। एम्बुलेंस चालक ने भी वाहन को सुरक्षित जगह ले जाना मुनासिब नहीं समझा। आसपास मौजूद लोगों ने सहायता करने में मानवता नहीं दिखाई।
48 घंटे भी नहीं रखा अस्पताल में

कायदा यह है कि प्रसूता को प्रसव के बाद 48 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रखा जाता है ताकि उसकी समुचित देखभाल हो सके और कोई जटिलता आए तो समय पर उपचार संभव हो सके। लेकिन उसे इसे दरकिनार कर पहले ही घर के लिए के लिए रवाना कर दिया गया। इससे अस्पताल कार्मिकों की लापरवाही की भी कलई खुल गई।
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