scriptबांसवाड़ा : आईजी के आदेश हवा, पटाखा बाइकों की फट-फट नहीं हुई बंद | banswara Police do not action against power bikes | Patrika News

बांसवाड़ा : आईजी के आदेश हवा, पटाखा बाइकों की फट-फट नहीं हुई बंद

locationबांसवाड़ाPublished: Oct 08, 2018 12:51:44 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

www.patrika.com/banswara-news
 

banswara

बांसवाड़ा : आईजी के आदेश हवा, पटाखा बाइकों की फट-फट नहीं हुई बंद

बांसवाड़ा : आईजी के आदेश हवा, पटाखा बाइकों की फट-फट नहीं हुई बंद


बांसवाड़ा. पटाखा बाइकों के तेजतर्रार शोर एवं कर्क श ध्वनि पर प्रतिबंध लगाने के लिए आई जी के आदेश बांसवाड़ा में हवा हो रहे हैं। ये बाइकें सडक़ों पर सरपट दौड़ रही हैं। शहर के हर गली मोहल्ले में इन बाइक की धक-धक एवं ठायं-ठायं सुनने को मिलती है। इसके बावजूद यातायात पुलिस एवं थाना पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।
ये दिए थे निर्देश
गत दिनों जिले के दौरे पर आए आईजी विशाल बंसल ने कोतवाली थाने में जन संवाद कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिए थे कि इस तरह की बाइकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
जरूरत पडऩे पर अभियान चलाया जाए और इस तरह के साइलेंसर लगाने वाले दुकानदारों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कानूनी कार्रवाईयों भी अमल में लाई जाए, लेकिन आईजी के आदेश हवा हो गए। न थाना पुलिस और न यातायात पुलिस कोई कार्रवाई कर रही है।
ऐसे बजता है पटाखा
एक्सपर्ट के अनुसार इस तरह की इस बाइक को युवा जानबूझकर भीड़ के बीच लेकर जाते हैं और वहां पेट्रोल को बार-बार ऑन-ऑफ करतेे हैं, जिससे साइलेंसर से होने वाली पटाखे सी तेज आवाज लोगों को सहमा देती है। वहीं बुजुर्गों की धक-धक बढ़ जाती है।
उदयपुर में भी चल चुका है
इस तरह की बाइकों के खिलाफ भारत के पांचवें सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्र बेंगलूरु से लेकर चण्डीगढ़ में वहां की यातायात पुलिस की ओर से विशेष अभियान चलाकार कार्रवाई की गई है। उदयपुर में भी अभियान चलाकर करीब सौ बाइक जब्त की गई थी, लेकिन बांसवाड़ा में पुलिस अभी तक सुस्त बैठी हुई है।
इसलिए आती है कर्क श आवाज
कंपनी के अधिकारियों के अनुसार बाइक के साइलेंसर में एक जाली लगी होती है, जो उसकी आवाज को कम करने का कार्य करती है। इस जाली को निकालने पर फ टी हुई तेज आवाज आती है। इस साइलेंसर की एवज में युवा बाजार में बिकने वाले इन्दौर व पंजाब के साइलेंसर खरीदकर लगवा लेते हैं, जिससे आवाज में फ र्क आने के साथ ही पेट्रोल का बंद करने पर पटाखे की आवाज आती है। साइलेंसर के इस बदलाव से बाइक का इंजन खराब होता है तथा एवरेज में भी गिरावट आती है। खरीदते समय युवाओं को समझाने के बावजूद वे पैसे से ज्यादा दिखावे पर ध्यान देते हैं।
खुद को अलग दिखाने का शौक
एक्सपर्ट के अनुसार इस तरह की बाइकों का शौक सबसे ज्यादा 18 से 25 आयु वर्ग युवकों को हैं। जो खुद को अलग दिखाने की चाह में आंखों में चश्मा, दिखावे व स्टेट्स के लिए हाथों में डेढ़ से दो लाख रुपए कीमत की बाइकें लेकर घूमते हैं। बाइक को मॉडिफ ाइड करवाने का ऐसा चलन कि शोरूम से बाहर आते ही गाड़ी घर से पहले मिस्त्री के पास पहुंचती है। उसमें सबसे पहले हैड लाइट्स, सीट, ग्रिप कवर बदलाने के साथ ही इन्दौरी व पंजाबी साइलेंसर लगाकर उसे पटाखा बाइक बनवाया जाता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो