यह टैक्स लगने के बाद पहले तो कम्पनियों ने पहले मुनाफा कम किया , लेकिन बाद में एमआरपी बढ़ाकर भरपाई करनी शुरू कर दी है। इसके तहत स्वास्थ्य की प्राथमिक दवाओं के दाम १० से २० फीसदी तक बढ़ा दिए गए हैं। जीएसटी में सरकार ने दवाओं की अलग-अलग कैटेगरी पर अलग-अलग जीएसटी लगाया है। लाइफ सेविंग ड्रग पर ५ फीसदी तो जनरल कैटेगरी की दवाओं पर १२ प्रतिशत टैक्स स्लैब में डाला है। वहीं, कॉस्मेटिक रेंज पर १८ प्रतिशत जीएसटी लगाया है। प्रोटीन और न्यूट्रीशियन टेबलेट सीरप व अन्य प्रोडक्ट पर सर्वाधिक २८ फीसदी टैक्स स्लैब में डाला है।
मरीजों की जेब पर पड़ेगा असर : जिले के दवा व्यापारियों की माने तो आने वाले दिनों में दवाओं के दामों में तेजी आ सकती है। क्योंकि मौसम बदलने के साथ ही कुछ दिनों बाद सर्दी भी अपना जोर पकड़ेगी।
कई दवाओं के बढ़े दाम देश में जीएसटी लगने के बाद कई दवाओं के दामों में वृद्धि हुई है। जीएसटी में विभिन्न दवाओं को भिन्न -भिन्न स्लैब में डाला है। अधिक स्लैब वाली दवाओं के दामों में अधिक वृद्धि हुई है। जिसके फलस्वरूप मरीजों पर इसका आर्थिक भार आएगा।
पवन शाह, केमिस्ट एसोसिएशन, जिला बांसवाड़ा यह है दवाओं की कैटेगरी का स्लैब २८ फीसदी : जीएसटी प्रोटीन, न्यूट्रीशन टेबलेट, सीरप पर लगाया। १८ फीसदी : जीएसटी लगाया कॉस्मेटिक व डर्मेटोलॉजी रेंज पर।
१२ फीसदी : जनरल कैटेगरी की दवाओं पर लगाया गया जीएसटी।