बांसवाड़ा : बगैर परमिट दौड़ाई जा रही निजी बस सीज
बांसवाड़ाPublished: Mar 03, 2022 02:00:34 am
सूचना पर परिवहन की टीम ने पहुंचकर की सीज, देरशाम को चालान काटकर छोड़ा
बांसवाड़ा : बगैर परमिट दौड़ाई जा रही निजी बस सीज
बांसवाड़ा. राजस्थान से मध्यप्रदेश वाया बांसवाड़ा निजी बसों का अवैध संचालन का सिलसिला थम नहीं रहा। बुधवार को एक सूचना पर परिवहन विभाग की टीम ने ऐसी एक और बस पकड़ी, जो बगैर परमिट के दौड़ाई जा रही थी। इस पर बस सीज कर विभागीय कार्यालय ले जाई गई। बाद में चालान बनाने पर दस हजार रुपए भरकर संचालक गाड़ी ले गया।
इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी अभय मुद्गल ने बताया कि कैलाश चौधरी नाम के शख्स की निजी बस बगैर परमिट के उदयपुर से इंदौर के लिए वापसी करने की जानकारी अपराह्न में मिली। इस पर परिवहन निरीक्षक तेजपाल के नेतृत्व में टीम भेजी गई। टीम ने उक्त बस को करीब चार बजे नए बस स्टैंड पर खड़े पाया तो दस्तावेज मांगे गए। पता चला कि बस मध्यप्रदेश में काउंटर साइन परमिट पर आई, लेकिन उदयपुर में केवल आवेदन ही किया हुआ था। अप्रुवल नहीं होने से परमिट मान्य नहीं होने पर बस को सीज कर दफ्तर परिसर ले जाकर खड़ा करवा दिया गया। बाद में संचालक चौधरी ने पहुंचकर कंपाउंड की पेशकश की तो नियमानुसार चालान काटा गया। तत्काल दस हजार रुपए जमा करवाने पर गाड़ी छोड़ी गई। गौरतलब है कि इससे पहले गत 17 फरवरी को मध्यप्रदेश के ही अर्जुन शांति लिंक रोडलाइंस की बस पकड़ी गई थी। बुधवार को जिस बस पर परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई की गई, वह इसी ट्रावेल संचालक के भागीदार की होना बताया गया। हालांकि परिवहन अधिकारियों ने इससे अनभिज्ञता जताई।
फेरा भी अधूरा या पूरा पता नहीं
खास बात यह भी है कि बगैर परमिट बसों के संचालन में इंदौर-उदयपुर रुट बताकर कई दफा गाडिय़ां बांसवाड़ा तक ही संचालित कर लौटाई जा रही हैं। बुधवार को बांसवाड़ा में सीज की गई बस को लेकर भी संशय रहा कि वह उदयपुर गई भी थी या नहीं। कारण कि अगर उदयपुर गई होती तो काउंटर साइन परमिट लेकर लौटती। ऐसे में सरकार को राजस्व का चूना लगाने के लिए रास्ते में खेल होने के भी संकेत मिले।