हुआ यों कि कलक्टर देरी से पहुंचे तो सुबह की शिफ्ट से ज्यादातर प्रभारी लौट गए, लेकिन तीन बजे फिर कॉल करने पर तकरीबन सभी वापस ड्यूटी पर आ गए। इस दौरान फिमेल सर्जिकल वार्ड के प्रभारी नर्स ग्रेड प्रथम राजेंद्र को भी कॉल किया गया, लेकिन वे देरी से आए। इससे पहले सुबह रुटीन में वार्ड देखने पर सफाई व्यवस्था सही नहीं पाकर नर्सिंग अधीक्षक नवनीत सोनी ने राजेंद्र को दिशा-निर्देश दिए, लेकिन चपरासी नहीं आना बताकर उन्होंने टाल दिया। उसके बाद शाम को फिर लापरवाही प्रतीत होने पर नर्सिंग अधीक्षक सोनी ने कलक्टर के जाने के बाद राजेंद्र को बुलाया, तो बातचीत में राजेंद्र उग्र हो गए और दोनों तरफ से शोरशराबा हो गया। मौके पर स्टाफ के अन्य सदस्यों ने इस रवैए को गलत माना और समझाइश कर माहौल सामान्य बनाया।
इस बारे में नर्सिंग अधीक्षक सोनी का कहना है कि राजेंद्र वार्ड में नहीं टिकते। कई बार रजिस्टर में गोले लगाने के बाद भी सुधार नहीं है। सफाई एवं वार्ड व्यवस्थित रखने के लिए सभी प्रभारियों को दो घंटे का समय देने के स्पष्ट निर्देश हैं, लेकिन सुबह वार्ड में गंदगी से दुर्दशा रही। फिर कलक्टर के दौरे के दौरान भी वे सबसे लेट आए। टोकने पर अनर्गल बहसबाजी की। दूसरी ओर, राजेंद्र का कहना है कि पैर में फ्रेक्चर है। तीन बजे ड्यूटी कर लौटा। टेबलेट लेकर सो गया था, इसलिए कॉल उठाकर आने में देरी हुई। चपरासी नहीं आया तो जानकारी दे दी। बुलाकर सबके सामने नर्सिंग अधीक्षक गलत तरीके से बोले, इसलिए मुझे भी बोलना पड़ा।