कॉलेज की स्थापना 2012 में हुई थी। तब से यहां सीविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच संचालित थी। इसके बाद गत वर्ष यहां पर कम्प्यूटर इंजीनियरिंग ब्रांच और प्रारंभ की गई है, जिनमें प्रति यूनिट 54-54 सीटें हैं और 10 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें आवंटित की गई हैं।
अब तक यह व्यवस्था थी कि एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश के समय शुल्क चुकाना होता था, और उसका बाद मेंं पुनर्भरण किया जाता था। लेकिन एक साथ 60 से 65 हजार रुपए जमा करवाना और उसके बाद चार वर्ष तक इतने ही रुपए जमा करवाना छात्रों के परिवार के लिए कठिन था और इससे कई छात्र प्रवेश ही नहीं लेते थे। अब प्रवेश के समय यह शुल्क नहीं देना होगा।
इंजीनियरिंग कॉलेज में एसटी वर्ग के विद्यार्थियों की करीब 100 से अधिक सीटें आरक्षित हैं। इन पर इस वर्ग के अभ्यर्थियों का प्रवेश नहीं हो रहा है और महाविद्यालय में प्रवेशार्थियों की संख्या पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा था।
इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य शिवलाल का कहना है कि एसटी विद्यार्थियों को शुल्क में राहत की जानकारी मिली है। आदेश मिलते ही इसकी जानकारी विद्यार्थियों तक पहुंचाएंगे। इससे विद्यार्थियों को फायदा होगा और सीटें भरने की राह खुलेगी।