रावत ने मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत आयोजित कार्यशाला में अपने संबोधन में कहा प्रदेश और जिले के कई क्षेत्र एेसे हैं जहां पानी की कमी थी और वहां पानी को सहजने के लिए एक अच्छे अभियान की सख्त आवश्यकता थी। हमने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कोई भी योजना बनाओ तो उसमें राजस्थान के अधिकारियों को शामिल मत करना वरना वह सफल नहीं होगा। इसके लिए हमने जल क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले श्रीराम वेदिरे से सम्पर्क किया और उनकी पूरी टीम से फोर वाटर और मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान चलाया इसलिए सफल रहे हैं।
ये दावा भी- जल स्वावलम्बल से बदली फिजा इस मौके पर राजस्थान नदी बेसिन एवं प्राधिकरण अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे ने तेलंगाना ने कहा कि कुछ समय पूर्व तक राजस्थान के कुछ जिलों में पानी की भारी कमी थी और यहां तक लोग कहते थे कि कुछ जिलों में घी मिल जाएगा, लेकिन पानी नहीं मिलेगा। अब स्थितियों में बदलाव आया है और यह मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान से संभव हुआ है। कार्यशाला में संसदीय सचिव भीमाभाई, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद और जल संसाधन विभाग के दीपक श्रीवास्तव ने भी विचार व्यक्त किए।
इससे पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान बांसवाड़ा विधायक और पंचायत राज राज्यमंत्री धनसिंह रावत अक्सर विवादित बयान की बदौलत सुर्खियों में रहते है। यह कोई पहला मौका नहीं है जब राज्यमंत्री ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले भी कई बार किसी सरकारी आयोजन या सभा में राज्यमंत्री ने एेसे बयान दिए है। हालांकि वागड़ अंचल के कई नेता विवादित बयान दे चुके है।