बांसवाड़ा

Video : बांसवाड़ा : धंधा बंद कर देंगे, लेकिन कुशलबाग में नहीं लगाएंगे पटाखे की दुकान

पटाखा व्यापारियों और प्रशासन में ठनी, दोनों अपनी बात पर अड़े, अब तक जारी नहीं हो पाए लाइसेंस, प्रशासन पर शर्तें थोपने का आरोप, व्यापारियों ने कहा इस ब

बांसवाड़ाOct 14, 2017 / 12:05 am

Ashish vajpayee

बांसवाड़ा. दीपावली को पांच दिन शेष हैं, लेकिन जिले में प्रशासन की ओर से पटाखा बिक्री के लिए लाइसेंस जारी नहीं हो पाए हैं। इन हालात को लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर पटाखा व्यवसाय करने वाले खुदरा व्यापारियों ने पहले मंत्री से गुहार लगाई। बाद में प्रशासन पर शर्तें थोपने का आरोप लगाते हुए नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने शहरभर में पटाखों के थोक विक्रेताओं की दुकानें बंद करा दी। कई व्यापारियों ने यहां तक कह दिया कि धंधा बंद कर देंगे, लेकिन इस बार तो कुशलबाग में नहीं जाएंगे।
शहर में पटाखों का व्यवसाय करने वाले खुदरा व्यापारी मुकेश नायक, दीपू भाई, ईश्वरलाल, लोकेंद्र, कुलदीप, अर्पित, नरेश कुमार, सोनू भाई आदि शुक्रवार सुबह राज्यमंत्री धनसिंह रावत के पास पहुंचे। उन्होंने मंत्री को बताया कि दीपावली आने में समय कम बचा है और प्रशासन कुशलबाग में दुकानें लगाने को कहा रहा है, जबकि वहां सुविधाएं नहीं हैं। प्रशासन लाइसेंस भी नहीं दे रहा है। साथ ही कहा जा रहा है कि पटाखों की दुकानें किसी भी गली-मोहल्ले में नहीं लगेंगी। गांधीमूर्ति क्षेत्र में व्यापारियों ने माल भी खरीद लिया है और लाइसेंस का इंतजार हो रहा है। इस बार उन्हें पुराने स्थान पर ही बैठकर व्यापार करने की अनुमति दी जाए। गत वर्षों से जो लाइसेंस दिए जा रहे हैं, उसी प्रकार दिए जाएं। वे अगले वर्ष से कुशलबाग में जाने को तैयार हैं। इस पर रावत ने जिला कलक्टर के सामने अपनी बात रखने के साथ हरसंभव मदद करने की बात कही।
बताई समस्या, थोपी शर्तें

व्यापारियों का कहना था कि कलक्टर से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने दुकानें कुशलबाग में ही लगाने पर ही लाइसेंस जारी करने की बात कही और पुरानी जगह पर दुकान लगाने की अनुमति नहीं देने को कहा। व्यापारियों के अनुसार कलक्टर ने सौ रुपए के स्टाम्प पर यह शपथ पत्र भी मांगा कि दुकान लगाने के बाद किसी भी प्रकार का हादसा होने की जवाबदेही दुकानदार की रहेगी। मुआवजा भी व्यापारी को देना होगा। आग लगने पर दमकल व एंबुलैंस भी व्यापारी को बुलानी होगी और अगले वर्ष से कुशलबाग में बैठने को सहमत हैं। इस पर कोई सहमति नहीं बनने पर व्यापारी यहां से रवाना हो गए।
बंद कराई दुकानें

इसके बाद उन्होंने शहर में थोक में पटाखों का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों की दुकानें बंद करा दी। व्यापारी हाउसिंग बोर्ड, मोहन कॉलोनी, नया बस स्टैंड, भीतरी बाजार, कस्टम चौराहा से लेकर खांदू कॉलोनी आदि क्षेत्रों में गए और पटाखा व्यवसाय करने वालों से दुकानें बंद कराई। हालांकि एक-दो व्यापारियों ने अपनी दुकानें कुछ समय बाद वापस भी खोल दी। इधर, कलक्टर के पास जाने वाले व्यापारियों में से कुछ ने कुशलबाग मैदान में जाने पर सहमति जता दी, जिससे व्यापारियों में दो फाड़ की स्थिति बन गई। बाद में गांधीमूर्ति पटाखा व्यापार मंडल ने उक्त शर्तों के आधार पर पटाखे नहीं बेचने का निर्णय किया।
नगर परिषद का पक्ष

राजस्व निरीक्षक देवेन्द्रपालसिंह चौहान ने कहा कि प्रशासन लाइसेंस जारी करेगा। प्रशासन के आदेश पर कुशलबाग में दुकानों के लिए ले-आउट और लाइनिंग कर दी जाएगी। अब तक ६१ आवेदन आए हैं, जिसमें ५० फीसदी के सत्यापन हो गए हैं। कुशलबाग में दुकान लगाने वाले व्यापारी को प्रशासनिक निर्देशों की पालना के साथ एक हजार रुपए जमा कराने होंगे, जिसमें सफाई और बिजली शुल्क शामिल रहेगा। मैदान में दुकान की अवधि १५ से २० अक्टूबर रहेगी।
यह भी रहा खास

– कुछ पुलिसकर्मियों पर सत्यापन के नाम पर अवैध वसूली का आरोप।
– कुशलबाग में दुकान लगाने को सहमत व्यापारियों में भी दर को लेकर मतभेद।
– छोटा धंधा और भारी मुआवजा देना संभव नहीं।
– माल खरीदने व्यापारियों को नुकसान का भय।
– माल वापस देने पर मांगी जा रही जीएसटी दर।

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