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बांसवाड़ा : ‘जो गुरु की शरण में आए, उसका बेड़ा पार है…’

locationबांसवाड़ाPublished: Jan 26, 2020 12:08:08 am

वीरोदय तीर्थ पर भव्य स्वागत : सुनील सागर महाराज का बाहुबली कॉलोनी से विहार

बांसवाड़ा : 'जो गुरु की शरण में आए, उसका बेड़ा पार है...'

बांसवाड़ा : ‘जो गुरु की शरण में आए, उसका बेड़ा पार है…’

बांसवाड़ा. ‘मेरा सब का गुरु की कृपा से हो रहा है…, ‘गुरुदेव तुम क्यों जा रहे हो…, ‘जो गुरु की शरण में आए, उसका बेड़ा पार है…Ó आदि भक्ति गीतों की स्वर लहरियों के बीच जैनाचार्य सुनील सागर महाराज ससंघ का शनिवार को बाहुबली कॉलोनी से अपराह्न बाद वीरोदय तीर्थ के लिए मंगल विहार हुआ। आचार्य ससंघ के विहार पर श्रद्धालु भावुक हो उठे।
विहार से पहले सन्मति समवशरण में आचार्य ने कहा कि दुनिया इसी का नाम है। इसमें आना और जाना लगा रहता है। दुखी होने की कोई बात नहीं है। भक्ति व समर्पण के फलस्वरुप नेत्र छलक उठे हैं। समाज के लोगों की देव, शास्त्र और गुरु के प्रति जो आस्था और भक्ति है। उसी का परिणाम है कि गुरु के वियोग में दुखी हैं। देव, शास्त्र, गुरु के प्रति इस तरह की भावना पुण्य का कारण बनती है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भावुक नजर आए तो कई के नेत्रों से अश्रुधारा प्रवाहित हो रही थी। इसके बाद जयकारों के बीच आचार्य का विहार हुआ। आगे धर्मध्वजा लिए युवक चल रहे थे तो आचार्य ससंघ के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु नंगे पैर चल रहे थे। जगह-जगह समाजजनों ने आचार्य के पाद प्रक्षालन किए। वीरोदय तीर्थ क्षेत्र पहुंचने पर आचार्य का स्वागत उपरांत पाद प्रक्षालन किया गया। यहां आचार्य ने तीर्थ क्षेत्रों के निर्माण के साथ ही अच्छा अस्पताल और विद्यालय निर्माण किए जाने की भी बात कही, ताकि लोगों की सेवा की जा सके अैर नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाया जा सके। आचार्य श्री का रविवार सुबह सात बजे तलवाड़ा के लिए विहार होगा। तलवाड़ा में स्कूल मैदान में उनका सार्वजनिक प्रवचन होगा। उसके पश्चात आहारचर्या तलवाड़ा गांव में होगी।
आचार्य पदारोहण दिवस
हेमेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि इससे पहले बाहुबली कॉलोनी स्थित भगवान मुनीसुव्रतनाथ जिनालय में आचार्य सुनील सागर का १३वां आचार्य पदारोहण दिवस श्रावकों ने भक्ति भाव से मनाया। भक्तजनों ने भगवान मुनिसुव्रत नाथ का अभिषेक व पूजन किया एवं शांतिनाथ विधान का आयोजन कर भगवान की अर्चना की गई। संघस्थ मुनि शुभम सागर महाराज का भी दीक्षा दिवस भी श्रावकों ने भक्ति पूर्वक मनाया।
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