दोपहर बाद तक सीडीईईओ एंजिलिका पलात व जिला शिक्षा अधिकारी मावजी खांट ने समझाइश के प्रयास किए, लेकिन ग्रामीण कार्रवाई पर अड़े रहे। दोपहर बाद प्रधानाचार्य विमल अधिकारी एवं राप्रावि सवा का पाड़ा के शिक्षक विष्णु कुमार पंड्या को भी दफ्तर बुलाकर विभाग आगे की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन शाम तक हल नही निकल पाया। प्रधानाचार्य व शिक्षक ने भी मामले में पक्ष रखा।
जांच में स्थिति स्पष्ट, फिर कार्रवाई में देरी क्यों ग्रामीणों ने शिक्षा अधिकारियों के समक्ष 29 नवंबर को पेश की गई जांच रिपोर्ट रखते हुए बताया कि जब प्रधानाचार्य जांच में निर्दोष है, तो फिर जो दोषी शिक्षक है उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नही की गई। ग्रामीणों ने बताया कि जांच में प्रधानाचार्य पर लगाए आरोप गलत पाए गए है। शिक्षक पंड्या के विद्यालय में देरी से आने, बिना सूचना के स्कूल छोडऩे सहित अन्य गंभीर स्थितियां सामने आई हैं। ग्रामीणों का कहना था कि जब तीन सदस्यीय टीम ने कार्रवाई की अनुशंसा की है तो फिर आखिर कार्रवाई क्यों नही की जा रही हैं। ग्रामीणों ने मामले में जल्द कार्रवाई नही होने पर शिक्षा मंत्री के ध्यान में पूरा प्रकरण लाने की बात भी कही।
हमने की थी शिकायत
इस दौरान राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के लक्ष्मीनारायण सिंह एवं लालसिंह ने भी शिक्षक के पक्ष में अपनी बात रखी। जिसे लेकर भी ग्रामीणों ने रोष जताया। संगठन पदाधिकारियों का कहना था कि रिपोर्ट में शिक्षक को शिकायतकर्ता बताया, जबकि शिकायत तो हमने लिखित में की थी। इस दौरान काफी देर तक बहस भी होती रही।