वार्ड पार्षद भी साथ
इस पूरे मामले में पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो मंगलवार को संस्था के दो प्रतिनिध वार्ड 38 में लोगों से फार्म भरवाते मिले। इनके साथ वार्ड पार्षद भी थे। लोगों से आवेदन फार्म में नाम- पते, मोबाइल नंबर ,जाति धर्म, नागरिकता, आयु के साथ आधार कार्ड और बैंक खाते की डिटेल भरवाई जा रही थी। बैंक की डिटेल में बैंक का नाम, खाता होल्डर का नाम, खाता संख्या और आईएफएसई कोड तक की जानकारी शामिल थी। इस ब्योरे को देखकर संशय उठा कि सामान्य रूप से इस तरह बैंक डिटेल कोई भी संस्था नहीं ले सकती।
यह मामला मेरे पास आया है और मैंने संस्था प्रतिनिधि को बुलाकर आदेश की कॉपी मांगी है। इस पर उसने कहा कि उनके पास बीमा का भी आया है, लेकिन वह आदेश नहीं दिखा पाया है। नगर परिषद से आदेश सिर्फ सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने को लेकर ही है। इसकी पूरी डिटेल मांगी है।
मंजुबाला पुरोहित, सभापति
-नगर परिषद के पत्र में केवल सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की बात है तो शहर के लोगों से फार्म भरवाए क्यों जा रहे हैं।
-बीमा कैसे होगा इसका कोई तथ्य संस्था के पास नहीं।
-महज प्रशिक्षण देने के मामले में बैंक डिटेल लेने का क्या औचित्य।
-आधार कार्ड की कॉपी क्यों मांगी जा रही है।
आवेदन फार्म लेते हुए संस्था के प्रतिनिधि लोगों को यह कह रहे थे कि आवेदन जमा होते ही दो लाख रुपए का बीमा अपने आप हो जाएगा। जब पत्रिका टीम ने पूछा तो बताया कि बीमा भारत सरकार करती है। लेकिन वे कैसे, किस तरह होगा इसका कोई जवाब नहीं दे पाए।ं लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि जिस दिन प्रशिक्षण दिया जाएगा, उस दिन खाते में 500-500 रुपए जमा हो जाएंगे।
मैंने इस संबंध में सभापति और उपसभापति से भी पूछा था, इसके बाद ही वार्ड के लोगों के आवेदन भरवाए है। संस्थान ने बैंक डिटेल की कॉपियां मांगी है और प्रशिक्षण के दिन 500 रुपए बैंक में जमा होने की बात कहीं है, लेकिन लोगों को कहा है कि वह ओटीपी नंबर किसी को भी न दे।
भूपेंद्र भोई, पार्षद वार्ड 38
हम सफाई का प्रशिक्षण देते है और इसके लिए भारत सरकार ने हमें नियुक्त किया है। प्रशिक्षण के साथ ही बीमा होता है। लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसलिए फार्म भरवाए जा रहे है।
गुरुजान सिंह, प्रतिनिधि स्किल कौंसिल फोर जाब्स नई दिल्ली।