तनाव के यह हैं कारण मानसिक तनाव बढऩे के प्रमुख कारणों में आप जो चाहते हैं वह न होना, भय, चिंता, जलन , क्रोध, आर्थिक समस्या, व्यापार में हानि, मुकदमेबाजी में उलझना, गृह कलह, दांपत्य जीवन में दरार, हीन भावनाएं, काम का बोझ बढऩा, घर में पारिवारिक समस्याएं आदि हैं। यदि मानसिक तनाव क्षणिक व साधारण है, तो हमारे शरीर में होने वाले परिवर्तन भी क्षणिक होंगे, लेकिन यदि स्ट्रेस असामान्य और स्थायी है, तो उनसे होने वाले शारीरिक, मानसिक परिवर्तन भी हानिकारक व स्थायी होंगे।
मानसिक तनाव के लक्षण इस रोग के लक्षणों में शारीरिक और मानसिक थकान, सिरदर्द, काम में मन न लगना, एकाग्रता का अभाव, अरुचि, उत्साह की कमी, नींद में कमी, दिल की धडकऩ का बढऩा, सामाजिक संबंधों में उदासीनता, डिप्रेशन, हिस्टीरिया, असमय ही चेहरे पर झुर्रियां पडऩा आदि देखने को मिलते हैं।
यह होती है तकलीफ मानसिक तनाव के कारण चेहरे पर पीलापन झलकना, थकान महसूस होना, भोजन हजम नहीं होना, पसीना आना, सिर दर्द, मधुमेह, त्वचा रोग, उच्च रक्तचाप होना, जोड़ों का दर्द, सांस तेज चलना, मेंटल रिटार्डेशन, जैसी बीमारियां होने की पूरी संभावना होती है।
तनाव से मुक्ति पाने के उपाय – अपने ईष्ट-मित्रों से बातचीत करते रहें। – भविष्य की चिंता में डूबे न रहें। – मन को प्रसन्न रखने वाले कार्य करें – किसी भी कार्य को टालने की प्रवृत्ति न बनाएं।
– थकान होने तक की सीमा तक कार्य न करें। – अपने मित्रों, रिश्तेदारों से बड़ी-बड़ी आशाएं न लगाएं। – रोने के मौकों पर अपने आंसू न रोकें। – क्रोध न करें और न ही उसे दबाकर रखें।
– पूरी नींद लें। – ड्रग का उपयोग न करें । – अंधेरे में सोने की आदत डालें। – मॉर्निंग – इवनिंग वॉक सबसे सफल इलाज जीवनशैली में बदलाव मानसिक तनाव से ग्रस्त रोगी का सबसे सफल इलाज जीवनशैली में बदलाव और मन को प्रसन्न रखना है। हालांकि कुछ थेरेपी भी हैं, जिनसे तनाव का उपचार किया जा रहा है। सिर में मालिश को भी तनाव दूर करने के लिए काफी अच्छा मानते हैं। किंतु सबसे बेहतर और सबसे कारगर उपाय रोगग्रस्त व्यक्ति का स्वयं अपना इलाज आप करने में है। क्योंकि तनाव एक ऐसी समस्या है जो सजग न रहने पर कभी पीछा नहीं छोड़ती है। इसलिए सदैव अपने में सुधार की भावना को मन में बनाए रखें। जीवन में आने वाले उतार चढ़ावों के लिए अपने आप को पहले से तैयार रखें। इससे परेशानी भले ही कम न हो लेकिन आपको मानसिक बल जरूर मिलेगा। तनाव के समय में अपने दोस्तों के बीच रहिए और उनसे अपनी बातें कहिए। इससे आपको विपरीत परिस्थितियों से सामना करने की हिम्मत मिलती है। आप चाहे जितना भी तनाव में हों लेकिन यदि आप व्यायाम को अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाते हैं तो तनाव मुक्त रहेंगे और आप में सकारात्मक सोच भी उत्पन्न होगी।
डॉ. नितिशा सेड्रिक, उदयपुर