इस मौके पर मौजूद सैकड़ों लोगों ने हाथ उठाकर बाल मंदिर निर्माण के लिए सहमति जताई तो हाथों-हाथ घाटोल प्रधान हरेन्द्र निनामा ने भील समाज की ओर से जमीन देने की भी घोषणा कर दी। उन्होंने समाज के स्तर पर कुपोषण को मिटाने और महिलाओं को सशक्त बनाने की अपील करते हुए प्रबुद्धजनों को आगे आने का आह्वान किया। मीना समाज के अध्यक्ष और फुटबॉल आयोजन समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
ऐसा होगा बाल मंदिर चतुर्वेदी ने कहा कि मंदिर पूरी तरह बच्चों को समर्पित किया जाएगा। इस बाल मंदिर में देश के विभिन्न राज्यों के मानचित्र के साथ उस राज्य की जनजाति वेशभूषा में बच्चों की छोटी-छोटी प्रतिमाएं होंगी वहीं जसोदा मैया की गोद में लड्डू गोपाल, माता अंजनि के साथ बाल हनुमान तथा माता पार्वती की गोद में गणेश और कार्तिकेय की मूर्ति की स्थापना की जाएगी।
इस मंदिर में घंटी भी होगी और बच्चों के अधिकारों की जानकारी देने वाली बाल चालीसा भी लिखवाई जाएगी। बच्चों के लिए कार्य करने के लिए पहल करने के इच्छुक लोगों और शिकायत के लिए पेटी लगवाई जाएगी। मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों को बच्चों के अधिकारों की जानकारी देने के संकल्प के निमित्त प्रसाद भी दिया जाएगा। मंदिर बनने के बाद कुपोषण हटाने-मिटाने के लिए हवन भी करवाया जाएगा।