script#BitiyaAtWork : रोजमर्रा की दिनचर्या से हटकर कुछ नया सीखने बेटियां पहुंची पिता के दफ्तर, साझा किए अनुभव | Patrika News
बांसवाड़ा

#BitiyaAtWork : रोजमर्रा की दिनचर्या से हटकर कुछ नया सीखने बेटियां पहुंची पिता के दफ्तर, साझा किए अनुभव

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5 years ago
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01. बिटिया- दिव्यांशी चौहान

पिता- गजेंद्र सिंह चौहान

प्रतिष्ठान - ऑप्टिकल शो रूम

- मैंने पापा के साथ शोरूम पर काम कर यह जाना कि पापा रोज कितनी मेहनत करते हैं। इस दौरान शो रूम पर लोगों से भी विभिन्न जानकारियां प्राप्त की।

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02. बिटिया- देशना सराफ

पिता- कुणाल सराफ

प्रतिष्ठान- सर्राफा व्यवसाय

- मैं स्कूल के अवकाश के दिन नियमित पापा के प्रतिष्ठान पर जाती हूं। यहां ज्वैलरी की जानकारी लेने के साथ ही दिनभर पापा कैसे व्यवसाय करते है यह भी जानती हूं।

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03. बिटिया- टीया सैनी

पिता- अरविन्द माली

प्रतिष्ठान- घरेलू उपयोगी सामान की दुकान

- मेरे मकान में ही दुकान है। ऐसे में पापा के कामकाज में मदद करती हूं। इस दौरान ग्राहकों से बातचीत का तरीका एवं नए दौर में उत्पाद की डिमाण्ड की जानकारी भी लेती हूं।

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04. बिटिया- हेमाद्री त्रिवेदी

पिता - विकास त्रिवेदी

प्रतिष्ठान- नेत्र जांच व ऑप्टिकल्स

- आंखों की जांच के लिए क्या पढ़ाई करनी होती है यह पापा मुझे बताते रहते हैं। इससे आंखों की सुरक्षा सहित अन्य बातें समझने को मिलती है। मैं अपनी सहेलियों से भी यह बात साझा करती हूं तो मुझे अच्छा लगता हैं।

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05. बिटिया- विश्रुति पाण्डे

पिता - अजय पाण्डे

संस्थान - लीयो शिक्षण संस्थान बांसवाड़ा

- पढ़ाई के साथ-साथ पापा के कामकाज को भी नजदीक से देखने का मौका मिला। एक शिक्षण संस्थान के बेहतर संचालन में क्या जरूरी होता है इसकी जानकारी पापा ने दी।

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