इन नए चेहरों की खास बात यह है कि दोनों संघनिष्ठ हैं और किसान-मजदूर नेता रहे हैं। भाजपा जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हकरू मईड़ा खुद पेशे से किसान हैं और किसानों-मजदूरों के नेता रहे हैं। दूसरी ओर, कैलाश मीणा भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री और अभी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष हैं। हकरू मईड़ा को वर्षों बाद इस चुनाव में मौका मिला है, तो कैलाश मीणा भी परिसीमन के बाद से टिकट के लिए प्रयासरत रहे और अब उन्हें सफलता मिली है।
वागड़ के दोनों जिलों की दो-दो प्रत्याशी चर्चा में
वागड़ के दोनों जिलों की दो-दो प्रत्याशी चर्चा में
भाजपा की दूसरी सूची जारी होने के बाद बांसवाड़ा-डूंगरपुर यानी वागड़ क्षेत्र की सभी ९ सीटों की तस्वीर साफ होने के साथ दोनों ही जिलों के दो-दो प्रत्याशी अब चर्चा में ज्यादा हैं। बदलाव के दौर में हालांकि घाटोल सीट भी शामिल हो गई, लेकिन वहां वरिष्ठ नेता और विधायक नवनीतलाल निनामा उम्रदराज होने से यह अप्रत्याशित नहीं लगा। दूसरी ओर, बांसवाड़ा विधायक और मौजूदा मंत्री धनसिंह रावत की जगह हकरू मईड़ा को टिकट मिलने और उधर गढ़ी में निवर्तमान विधायक जीतमल खांट को टालकर कैलाश मीणा के टिकट मिलने से तरह-तरह की चर्चाएं रात तक चलती रही। गौरतलब है कि डूंगरपुर जिले में दो विधायकों के टिकट पहली सूची में ही कट गए थे और तभी से पार्टी में खलबली मची हुई है।