लंबे समय से कब्जा
जिला परिवहन कार्यालय में दलाल लंबे समय से सक्रिय है। इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके अलावा फर्जीवाड़े की आशंकाएं भी बढ़ रही हंै। जानकारों के अनुसार ग्राहकों से ये परिवहन विभाग की फीस के अलावा मनमाने रुपए ऐंठते है और मिलीभगत के खेल में दस्तावेजों को आगे पहुंचाकर ग्राहक का काम कर देते हैं। यही वजह है कि दलाल के मार्फत कोई कार्य होता है तो वह कुछ घंटे या दिन में पूरा हो जाता है लेकिन व्यक्ति अपने स्तर पर काम करना चाहे तो जूतियां घिस जाती है।
जिला परिवहन कार्यालय में दलाल लंबे समय से सक्रिय है। इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके अलावा फर्जीवाड़े की आशंकाएं भी बढ़ रही हंै। जानकारों के अनुसार ग्राहकों से ये परिवहन विभाग की फीस के अलावा मनमाने रुपए ऐंठते है और मिलीभगत के खेल में दस्तावेजों को आगे पहुंचाकर ग्राहक का काम कर देते हैं। यही वजह है कि दलाल के मार्फत कोई कार्य होता है तो वह कुछ घंटे या दिन में पूरा हो जाता है लेकिन व्यक्ति अपने स्तर पर काम करना चाहे तो जूतियां घिस जाती है।
अधिकारी अभियान की तैयारी में जुटे थे
सात सितंबर को जिला परिवहन विभाग की ओर से शहर में यातायात सुरक्षा सप्ताह को लेकर बड़ा आयोजन किया जा रहा है। विभाग के कार्मिक इसकी तैयारियों में लगे हुए हैं। इससे बुधवार को विभाग के अधिकांश कार्मिक एवं अधिकारी विभाग से नदारद दिखाई पड़े।
सात सितंबर को जिला परिवहन विभाग की ओर से शहर में यातायात सुरक्षा सप्ताह को लेकर बड़ा आयोजन किया जा रहा है। विभाग के कार्मिक इसकी तैयारियों में लगे हुए हैं। इससे बुधवार को विभाग के अधिकांश कार्मिक एवं अधिकारी विभाग से नदारद दिखाई पड़े।
कैशियर से लेकर कम्प्यूटर रूम तक कब्जा
पड़ताल के दौरान परिवहन कार्यालय के कैश कक्ष से लेकर कम्प्यूटर रूम एवं अधिकारी कक्ष तक कब्जा दिखाई पड़ा। कैशियर रूम मेंनकदी का काम जरूर एक कार्मिक कर रहा था अन्यथा हर कमरे में दलाल बगैर किसी रोक-टोक आ जा रहे थे और कागजी खानापूर्ति करवा रहे थे। जिला परिवहन अधिकारी के कक्ष को आने-जाने का सार्वजनिक रास्ता बना रखा था और अन्य सभी कमरे खुले हुए थे। जहां कोई भी बगैर किसी से पूछे बाहर आना और जाना कर रहा था। इसके अलावा कैश कक्ष में दलालों एवं ग्राहकों की खासी भीड़ दिखाई पड़ी, जो वहां खड़े होकर अपना कार्य करवा रहे थे। जबकि परिसर में दलाल ऐसी कोई गतिविधि करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
पड़ताल के दौरान परिवहन कार्यालय के कैश कक्ष से लेकर कम्प्यूटर रूम एवं अधिकारी कक्ष तक कब्जा दिखाई पड़ा। कैशियर रूम मेंनकदी का काम जरूर एक कार्मिक कर रहा था अन्यथा हर कमरे में दलाल बगैर किसी रोक-टोक आ जा रहे थे और कागजी खानापूर्ति करवा रहे थे। जिला परिवहन अधिकारी के कक्ष को आने-जाने का सार्वजनिक रास्ता बना रखा था और अन्य सभी कमरे खुले हुए थे। जहां कोई भी बगैर किसी से पूछे बाहर आना और जाना कर रहा था। इसके अलावा कैश कक्ष में दलालों एवं ग्राहकों की खासी भीड़ दिखाई पड़ी, जो वहां खड़े होकर अपना कार्य करवा रहे थे। जबकि परिसर में दलाल ऐसी कोई गतिविधि करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।