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राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन पर मनरेगा से जुड़े साढ़े छह हजार मामले लंबित, जांच करने में अफसर बरत रहे कोताही

locationबांसवाड़ाPublished: Jun 14, 2019 03:42:59 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

475 मामले एक वर्ष पुराने, निचले स्तर पर निस्तारण नहीं होने से बढ़ी संख्या

banswara

राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन पर मनरेगा से जुड़े साढ़े छह हजार मामले लंबित, जांच करने में अफसर बरत रहे कोताही

मृदुल पुरोहित. बांसवाड़ा. प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जरूरतमंद को काम देने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना नाम के अनुरूप संचालित तो रही है, लेकिन अनियमितताओं के मामले भी सामने आ रहे हैं और इनका निस्तारण कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोताही बरती जा रही है। इसके चलते सरकारी धन को जेब में भरने वालों के हौंसले बुलंद हैं। हालात यह है कि राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन पर ही मनरेगा से जुड़े प्रदेश के साढ़े छह हजार से अधिक मामले लंबित हैं और इनकी जांच व कार्रवाई को लेकर ढिलाई बरती जा रही है।
मनरेगा में ग्राम स्तरीय कार्मिकों की ओर से जॉबकार्ड नहीं देने, निर्माण कार्यों में अनियमितता बरतने, गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग कर निर्माण करने, निर्माण नहीं करने के बावजूद फर्जी तरीके से कार्य पूर्ण बताकर राशि हड़प करने जैसे प्रकरण बांसवाड़ा सहित अन्य जिलों में भी सामने आते रहे हैं। इन प्रकरणों में जिला स्तर पर प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में सीधे राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन को शिकायतें भेजी जा रही हैं, ताकि उच्चाधिकारियों के दबाव में ऐसे मामलों की जांच हो सके। इससे प्रदेश स्तर पर लंबित प्रकरणों की संख्या हजारों में पहुंच गई है।
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अधिकारियों को दी चेतावनी
हाल ही समीक्षा में सामने आया कि प्रदेश में मई के अंत तक 6 हजार 622 मामले हेल्पलाइन पर मनरेगा से जुड़े प्रकरणों के ही लंबित हैं, जिन्हें लेवल एक पर भेजा जा रहा है, जबकि इनका निस्तारण पहले ही इस लेवल पर हो जाना चाहिए था। इस स्थिति को देखते हुए ईजीएस के परियोजना निदेशक ने सभी जिला कार्यक्रम समन्वयकों और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को चेताया है कि प्रकरणों का तय समय सीमा में निस्तारण करें, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहें। गौरतलब है कि लेवल एक और दो पर कार्रवाई नहीं हो रही है और नियमानुसार लेवल तीन पर प्रकरण का निस्तारण लेवल एक व दो से प्रकरण के संबंध में प्राप्त टिप्पणी के आधार पर ही होता है।
इन जिलों में सर्वाधिक मामले लंबित
हेल्पलाइन पर बाड़मेर के सर्वाधिक 1046 प्रकरण लंबित हैं। इसके अतिरिक्त जयपुर के 535, बीकानेर के 451, अलवर के 324 व भरतपुर के 309 मामलों का निस्तारण नहीं हुआ है। जबकि एक वर्ष से अधिक पुराने लंबित मामलों में जयपुर के सबसे ज्यादा 68, बाड़मेर के 55, करौली के 38, जोधपुर के 28 व झालावाड़ के 24 मामले सम्मिलित हैं।
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