धूमधाम से निकलेगी शोभायात्रा
मारवाड़ी सेवा समिति की अेर से गणगौर महोत्सव के तहत मंगलवार दोपहर बाद चार बजे दाहोद रोड़ स्थित पारस इंजीनियरिंग से शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें आकर्षक बैण्ड, सजे-धजे ऊंट, घोड़े आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इसके साथ ही जहां पुरुष परम्परागत परिधान में नजर आएंगे वहीं महिलाएं मंगल गीत गाती हुई गणगौर घाट तक जाएंगी। समिति के संदीप सुरेका ने बताया कि अध्य्क्ष किसान सिंह तंवर के साथ मनोज अग्रवाल, गिरधारी मोर, रणजीत सिंह शेखावत, नरपत खटेड, हिम्मत सिंह राठौड़ ने व्यवस्थाओं को अन्तिम रूप दिया। सुरेका ने बताया कि गणगौर घाट पर आतिशबाजी के साथ ईसर-पार्वती की पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद खांदू कॉलोनी सिथित अग्रवाल समाज भवन में महाप्रसादी का आयोजन होगा।
मारवाड़ी सेवा समिति की अेर से गणगौर महोत्सव के तहत मंगलवार दोपहर बाद चार बजे दाहोद रोड़ स्थित पारस इंजीनियरिंग से शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें आकर्षक बैण्ड, सजे-धजे ऊंट, घोड़े आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इसके साथ ही जहां पुरुष परम्परागत परिधान में नजर आएंगे वहीं महिलाएं मंगल गीत गाती हुई गणगौर घाट तक जाएंगी। समिति के संदीप सुरेका ने बताया कि अध्य्क्ष किसान सिंह तंवर के साथ मनोज अग्रवाल, गिरधारी मोर, रणजीत सिंह शेखावत, नरपत खटेड, हिम्मत सिंह राठौड़ ने व्यवस्थाओं को अन्तिम रूप दिया। सुरेका ने बताया कि गणगौर घाट पर आतिशबाजी के साथ ईसर-पार्वती की पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद खांदू कॉलोनी सिथित अग्रवाल समाज भवन में महाप्रसादी का आयोजन होगा।
भोजन करा कर उपहार देंगी
गणगौर के इस मौके पर महिलाएं-युवतियां गाजे-बाजे के साथ बगीचों में पुष्प और हरी दूब लेकर घर पहुंचेंगी। यहां सामूहिक गणगौर पूजन के बाद मंगल गीत गाए जाएंगे। गणगौर का उद्यापन करने वाली महिलाएं 18 महिलाओं को भोजन कराकर उपहार भेंट करेंगी। साथ ही सास, ननद, जेठानी को सुहाग की सामग्री देंगी। शाम को ईसर-गणगौर को भोग लगाकर पानी पिलाने की रस्म होगी। इसके बाद समाजजनों की ओर से विभिन्न आयोजन भी होंगे।
गणगौर के इस मौके पर महिलाएं-युवतियां गाजे-बाजे के साथ बगीचों में पुष्प और हरी दूब लेकर घर पहुंचेंगी। यहां सामूहिक गणगौर पूजन के बाद मंगल गीत गाए जाएंगे। गणगौर का उद्यापन करने वाली महिलाएं 18 महिलाओं को भोजन कराकर उपहार भेंट करेंगी। साथ ही सास, ननद, जेठानी को सुहाग की सामग्री देंगी। शाम को ईसर-गणगौर को भोग लगाकर पानी पिलाने की रस्म होगी। इसके बाद समाजजनों की ओर से विभिन्न आयोजन भी होंगे।