दशहरे पर मनाया वागड़ पक्षी दिवस : नीलकंठ पक्षी देखकर उत्साहित हुए पर्यावरण प्रेमी, कागदी से कल्पवृक्ष तक निकाली रैली
बांसवाड़ाPublished: Oct 09, 2019 03:24:42 pm
Wagad Bird Day, Dussehra In Banswara : नीलकंठ पक्षी देखकर उत्साहित हुए पर्यावरण प्रेमी, कागदी से कल्पवृक्ष तक निकाली रैली
दशहरे पर मनाया वागड़ पक्षी दिवस : नीलकंठ पक्षी देखकर उत्साहित हुए पर्यावरण प्रेमी, कागदी से कल्पवृक्ष तक निकाली रैली
बांसवाड़ा. वागड़ पक्षी दिवस पर मंगलवार को नीलकंठ पक्षी देखकर पर्यावरण प्रेमियों तथा आमजन में उत्साह का वातावरण रहा। दशहरे पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन की परम्परा को जानने को लेकर नई पीढ़ी रोमांचित नजर आई। वागड़ पर्यावरण संस्थान के तत्वावधान में कल्पवृक्ष स्थल पर हुए समारोह में मुख्य अतिथि उप वन संरक्षक सुगनाराम जाट ने कहा कि नीलकंठ पक्षी को देखने के लिए सैकड़ों लोगों का प्रकृति के बीच आना शुभ संकेत है। पक्षी हानिकारक कीटों को खाकर पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अध्यक्षता कर टायनी टॉट्स के निदेशक आर.के. अय्यर ने कहा कि नई पीढ़ी का वागड़ पक्षी दिवस से जुडऩा सकारात्मक कदम है। विशिष्ट अतिथि साईं बाबा ट्रस्ट अध्यक्ष हर्ष कोठारी, कान्तिलाल पटेल, जयप्रकाश पण्ड्या,शम्भू हिरण, सुनील मेहता ने भी विचार व्यक्त किए। रोजी केडिया ने गीत प्रस्तुत किया। संस्थान अध्यक्ष डॉ. दीपक द्विवेदी ने कहा कि नीलकंठ शुभ, शगुनी पक्षी है। इसका धार्मिक, सांस्कृतिक तथा वैज्ञानिक महत्व है। इस अवसर पर नीलकंठ पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। संचालन कविता अय्यर ने किया। कल्प वृक्ष स्थल पर बर्ड वॉचर टीम के लखन खण्डेवाल, सज्जनसिंह राठौड़, कपिल पुरोहित, यश सराफ, प्रदीप सेन, दीपा त्रिवेदी, विराट संघवी, हिनल द्विवेदी, वनपाल हिम्मतसिंह, सहायक वनपाल राकेश सहित बड़ी संख्या में लोगों ने दूरबीन की मदद से नीलकंठ को देखा। इससे पूर्व कागदी पिक अप से रैली निकाली गई, जिसे उप वन संरक्षक ने झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली में लीयो स्कूल के प्रधानाचार्य उन्नीकृष्णन पिल्लई, बीसीसीआई अध्यक्ष सुनील दोसी, मोहन मेदावत, वर्षा मेहता, शैलेन्द्र वोरा, अब्बास भाई बोहरा, सत्यनारायण खण्डेलवाल, नीलेश जोशी, प्रवीणकांत जोशी आदि उपस्थित रहे। कल्प वृक्ष से चाचाकोटा तक ट्रेकिंग में उदयपुर के कवीश नागौरी तथा अतुल मेघवाल सम्मिलित हुए। इस दौरान वनस्पति, वन्यजीव, औषधीय पौधों की जानकारी दी गई। चाचाकोटा में नीलकंठ को देखने को मिला। पक्षीप्रेमी डॉ. द्विवेदी ने बर्ड वॉचिंग पॉइन्ट तथा पक्षी प्रजातियों की जानकारी दी।