पीडि़त की जुबानी
नीरज ने बताया कि वो गेमनपुल के पास अचानक एक स्पोट्र्स बाइक तेजी से निकली। बाइक निकलते ही बुआ एकाएक चीखी और बताया कि लडक़े चेन छीन कर भागे हैं। जिस पर उसने बाइक की रफ्तार बढ़ाई और कुछ दूर तक उनका पीछा किया। लेकिन उनकी रफ्तार काफी तेज थी। इस कारण वे आगे निकल गए और मोड़ के बाद अचानक आंखों से ओझल हो गए।
नीरज ने बताया कि वो गेमनपुल के पास अचानक एक स्पोट्र्स बाइक तेजी से निकली। बाइक निकलते ही बुआ एकाएक चीखी और बताया कि लडक़े चेन छीन कर भागे हैं। जिस पर उसने बाइक की रफ्तार बढ़ाई और कुछ दूर तक उनका पीछा किया। लेकिन उनकी रफ्तार काफी तेज थी। इस कारण वे आगे निकल गए और मोड़ के बाद अचानक आंखों से ओझल हो गए।
महिला के गले पर पड़े निशान
नीरज ने बताया कि बाइक सवार ने गले पर इतनी जोर से हाथ झपट्टा मारा की लता के गले पर काफी चोट आई। झपट्टा के कारण गले पर नाखूनों के गहरे निशान भी बन गए।
नीरज ने बताया कि बाइक सवार ने गले पर इतनी जोर से हाथ झपट्टा मारा की लता के गले पर काफी चोट आई। झपट्टा के कारण गले पर नाखूनों के गहरे निशान भी बन गए।
महिला बंदियों को दिखाई फिल्म
बांसवाड़ा. दस दिवसीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यक्रम के तहत स्पर्श सेवा संस्थान की ओर से जिला कारागृह में महिला बंदियों को महिला सशक्तिकरण विषयक फिल्म दिखाई गई। साथ ही महिलाओं और उनके बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास के बारे में चर्चा की। इस दौरान संस्थान सदस्यों ने महिलाओं को सिलाई, बैग बनाना, अगरबत्ती व पापड़ बनाना के बारे में चर्चा की, जिससे आने वाले समय में महिलाएं बाहर की दुनिया में रहते हुए अपनी आर्थिक स्थिति को ऊंचा उठा सके। साथ ही महिलाओं को तनाव व अवसाद से मुक्त होने के लिए प्रतिदिन योग व योगाभ्यास करने की जानकारी दी। महिलाओं को उनकी जरूरत की सामग्री तथा बच्चे को खिलौने भेंट किए। कार्यक्रम में जेलर बद्रीलाल मीणा, चिकित्सक परामर्शकर्ता डा. रागिनी शाह, अजीज खान, अजीतसिंह चौहान, कृष्णा राठौर, ऋ तुराज राठी, वसीम खान, रमेश शर्मा तथा स्वाति जैन उपस्थित थे।
बांसवाड़ा. दस दिवसीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यक्रम के तहत स्पर्श सेवा संस्थान की ओर से जिला कारागृह में महिला बंदियों को महिला सशक्तिकरण विषयक फिल्म दिखाई गई। साथ ही महिलाओं और उनके बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास के बारे में चर्चा की। इस दौरान संस्थान सदस्यों ने महिलाओं को सिलाई, बैग बनाना, अगरबत्ती व पापड़ बनाना के बारे में चर्चा की, जिससे आने वाले समय में महिलाएं बाहर की दुनिया में रहते हुए अपनी आर्थिक स्थिति को ऊंचा उठा सके। साथ ही महिलाओं को तनाव व अवसाद से मुक्त होने के लिए प्रतिदिन योग व योगाभ्यास करने की जानकारी दी। महिलाओं को उनकी जरूरत की सामग्री तथा बच्चे को खिलौने भेंट किए। कार्यक्रम में जेलर बद्रीलाल मीणा, चिकित्सक परामर्शकर्ता डा. रागिनी शाह, अजीज खान, अजीतसिंह चौहान, कृष्णा राठौर, ऋ तुराज राठी, वसीम खान, रमेश शर्मा तथा स्वाति जैन उपस्थित थे।