मासूम की गतिविधियां देखकर उसका पिता भी बहुत खुश हो रहा था। बाबू को हंसता खेलता छोडकऱ बजरंग किसी कार्य से घर के भीतर गया और कुछ देर बाद जब बजरंग पास बाहर आया तो उसे बाबू कहीं दिखाई नहीं दिया। पास ही जब नाले में देखा तो बाबू वॉकर सहित औंधे मुंह पड़ा हुआ था। जिसके पैर वॉकर में फंसे हुए थे। जैसे-तैसे बजरंग ने बच्चे को बाहर निकाला और हॉस्पीटल लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। एक छोटी सी गफलत मासूम की जिंदगी लील गई।
बेसुध हुए परिजन
हादसे के बाद बाबू की मां एवं उसका पिता तथा अन्य परिजन बेसुध हो गए और घर में चीख पुकार मच गई। मौके पर बड़ी संख्या में कॉलोनी के लोग एकत्रित हो गए और बच्चे की मां एवं परिजनों को सांत्वना देने लगे। इससे पूरी कॉलोनी का माहौल गमगीन हो गया।
हादसे के बाद बाबू की मां एवं उसका पिता तथा अन्य परिजन बेसुध हो गए और घर में चीख पुकार मच गई। मौके पर बड़ी संख्या में कॉलोनी के लोग एकत्रित हो गए और बच्चे की मां एवं परिजनों को सांत्वना देने लगे। इससे पूरी कॉलोनी का माहौल गमगीन हो गया।
नाली बनी नाला
इधर, दूसरी ओर परिजनों ने बताया कि नाली निर्माण के चलते गत कुछ दिनों से वहां गंदा पानी एकत्रित हो रहा था। इससे छोटी सी नाली ने नाले का रूप ले लिया था। कॉलोनी के लोगों ने भी नाले को लेकर विरोध जताया। अगर यहां पानी को नहीं रोकते तो मासूम को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ता। इधर, पजिरनों ने बताया कि बच्चे की मां भी पास में कपड़े धो रही थी। लेकिन दूध लेने के लिए भीतर चली गई।
इधर, दूसरी ओर परिजनों ने बताया कि नाली निर्माण के चलते गत कुछ दिनों से वहां गंदा पानी एकत्रित हो रहा था। इससे छोटी सी नाली ने नाले का रूप ले लिया था। कॉलोनी के लोगों ने भी नाले को लेकर विरोध जताया। अगर यहां पानी को नहीं रोकते तो मासूम को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ता। इधर, पजिरनों ने बताया कि बच्चे की मां भी पास में कपड़े धो रही थी। लेकिन दूध लेने के लिए भीतर चली गई।