महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे विकास अधिकारी रामखिलाड़ी मीणा ने बताया कि मुखबीर से सूचना मिली की पीपलीपाड़ा में पारसिंग पुत्र मन्ना अड़ की नाबालिग लडक़ी सूर्या का विवाह मगरदा निवासी थावरा मच्छार के पुत्र कल्पेश से गुरुवार सुबह पीपलीपाड़ा में कराया जा रहा है। इस पर वे जब पीपलीपाड़ा पहुंचे तब विवाह समारोह के तहत हस्तमिलाप की रस्म अदा की जा रही थी। पुलिस के साथ मौके पर पहुंचने पर हडक़ंप मच गया। परिजन दूल्हा-दुल्हन को घर के अंदर ले गए और सामान्य कपड़े पहनाकर वापस लाए ताकि उनकी पहचान न हो सके।
बीडीओ मीणा के शादी रुकवाने की बात कहने पर ग्रामीण और परिजन खफा हो गए और विरोध शुरू कर दिया। समारोह में मौजूद बारातियों व दुल्हन पक्ष के लोगों ने काफी विरोध जताया और दल को खूब भला बुरा कहा। इस दौरान दोनों पक्षों ने बीडीओ और पुलिस की एक न सुनी और दूल्हा-दुल्हन को बालिग बताने लगे और बात पर अड़े रहे।
बीडीओ ने बताया कि मौके पर पुलिस के दो ही जवानों थे। परिजनों का विरोध बढ़ता ही जा रहा था। इस पर उन्होनें कुशलगढ़ थाने से जवान बुलवाने की बात कही। लेकिन सम्पर्क न होने के कारण उन्होंने वस्तुस्थिति भांप कर परिजनों और ग्रामीणों से समझाइश की। तकरीबन दो घंटे की समझाइश के बाद परिजन नाबालिगों के दस्तावेज दिखाने को तैयार हुए। जिसके आधार पर लडक़ी की उम्र 13 वर्ष और लडक़े की उम्र 14 वर्ष होना सामने आई।
समझाइश पर मानने के बाद परिजनों को पाबंद कराने के लिए कुशलगढ़ थाने लाया गया। यहां से सभी को उपखंड अधिकारी जयवीरसिंह कालेर के समक्ष पेश किया गया कालेर ने सभी को न्यायालय में एसीजेएम के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए। कोर्ट में दोनों पक्षों को विवाह न करने के लिए पाबंद किया। इसके बाद भी परिजन बाल विवाह न करा सकें इसलिए परिजनों और दूल्हा-दुल्हन को शाम 7 बजे तक थाने में बैठाया गया ताकि मुहूर्त निकल जाए।