बांसवाड़ा. सरेड़ी बड़ी. कस्बे में आयोजित भागवत कथा का पांचवा दिन कृष्ण जन्म के पश्चात कृष्ण की बाल लीलाओं एवं कृष्ण भक्ति के नाम रहा। कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया।महाराज ने कहा कि जीवन में परमात्मा तत्व को प्रकट करना हो तो हमें वासना रूपी राक्षस को मारना पड़ता है। इसके अतिरिक्त कथावाचक ने भगवान श्रीकृष्ण बाललीलाओं का भी वर्णन किया।कथा में मेहुल द्विवेदी एवं अजय सुथार के संगीत एवं डिंपल जोशी व लोकेश पाठक के भजनों ने समा बांध दिया। कथा संयोजन समिति के विनोद दादा पाठक ने बताया कि कथा के अंतिम दिन रामनवमी को नगर भोज किया जाएगा।भागवत कथा के शुभारंभ से देर रात तक महिलाओं की भजन मंडली एवं संकीर्तन के द्वारा पूरे कस्बे में अध्यात्मिक सरिता बह रही है। मंगलवार को हुई कथा से पूर्व पोथी पूजन का लाभ जितेंद्र शुक्ला एवं आशीष शुक्ला परिवार ने लिया। साथ ही लालशंकर सुथार, नारायण लाल सुथार, नारायण लाल जोशी, ध्रुव शंकर सुथार परिवार ने व्यासपीठ की आरती का लाभ लिया। इस अवसर पर औदिच्य समाज अध्यक्ष प्रवीण व्यास, आशीष जोशी, भरत शुक्ला, नारायण लाल जोशी, प्रदीप पाठक, वनेश्वर जोशी, रेवा शंकर जोशी, शंभू भाई रावल, प्रकाश चंद्र त्रिवेदी, रमेश चंद्र शर्मा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
बांसवाड़ा. सरेड़ी बड़ी. कस्बे में आयोजित भागवत कथा का पांचवा दिन कृष्ण जन्म के पश्चात कृष्ण की बाल लीलाओं एवं कृष्ण भक्ति के नाम रहा। कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया।महाराज ने कहा कि जीवन में परमात्मा तत्व को प्रकट करना हो तो हमें वासना रूपी राक्षस को मारना पड़ता है। इसके अतिरिक्त कथावाचक ने भगवान श्रीकृष्ण बाललीलाओं का भी वर्णन किया।कथा में मेहुल द्विवेदी एवं अजय सुथार के संगीत एवं डिंपल जोशी व लोकेश पाठक के भजनों ने समा बांध दिया। कथा संयोजन समिति के विनोद दादा पाठक ने बताया कि कथा के अंतिम दिन रामनवमी को नगर भोज किया जाएगा।भागवत कथा के शुभारंभ से देर रात तक महिलाओं की भजन मंडली एवं संकीर्तन के द्वारा पूरे कस्बे में अध्यात्मिक सरिता बह रही है। मंगलवार को हुई कथा से पूर्व पोथी पूजन का लाभ जितेंद्र शुक्ला एवं आशीष शुक्ला परिवार ने लिया। साथ ही लालशंकर सुथार, नारायण लाल सुथार, नारायण लाल जोशी, ध्रुव शंकर सुथार परिवार ने व्यासपीठ की आरती का लाभ लिया। इस अवसर पर औदिच्य समाज अध्यक्ष प्रवीण व्यास, आशीष जोशी, भरत शुक्ला, नारायण लाल जोशी, प्रदीप पाठक, वनेश्वर जोशी, रेवा शंकर जोशी, शंभू भाई रावल, प्रकाश चंद्र त्रिवेदी, रमेश चंद्र शर्मा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।