बात नहीं हुई तो, बात आगे नहीं बढ़ी प्रधानमंत्री ने लम्बित योजनाओं की समीक्षा के दौरान २९ जून २०१६ को वीसी के माध्यम से मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे कि वह राजस्थान की मुख्यमंत्री से चर्चा करने के बाद एक माह में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेल परियोजना से संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाकर इसका समाधान करें। इसकी पालना करने में जहां राज्य सरकार को एक साल लग गया और उन्होंने २० जून २०१७ को बैठक तो आयोजित की, लेकिन इसमें एमपी के मुख्यमंत्री को नहीं बुलाया जिससे समाधान नहीं हो सका।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने ६ जुलाई २०१६ से २५ जुलाई २०१७ के मध्य १७ बार दिल्ली की यात्रा भी की, लेकिन परियोजना की बाधाएं दूर करने की दिशा में कुछ नहीं हुआ। सूचना प्राप्त करने के अधिकार के तहत प्राप्त सूचना के आधार पर राजस्थान ट्रायबल एरिया विकास समिति अध्यक्ष गोपीराम अग्रवाल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राजस्थान एवं मध्यप्रदेश सरकार को परियोजना के निर्माण के लिए रेलवे की साझेदारी में ज्वाइंट कम्पनी का गठन करने के निर्देश देने की मांग की है।
दिल्ली यात्रा का विवरण मुख्यमंत्री सबसे पहले ६ जून २०१६ को दिल्ली गई और इसके बाद ६ अगस्त, २३ अगस्त, ९ सितम्बर, २२ सितम्बर, ९ अक्टूबर, २७ अक्टूबर, ५ दिसम्बर, १७ दिसम्बर, २४ दिसम्बर को भी दिल्ली पहुंची थी। इसके बाद ४ मार्च २०१७, १२ मार्च, १८ अप्रेल, २२ अप्रेल, १९ मई, २२ जून और २५ जुलाई को भी दिल्ली की यात्रा पर गई। बकौल अग्रवाल ने बताया कि इस दौरान उन्होंने रेल मंत्री से मुलाकात नहीं की। जिससे परियोजना को फिर से गति नहीं मिल सकी।
ट्वीट पर हरकत में आया रेलवे मंत्रालय दूसरी ओर पत्रिका संवाददाता की ओर से इस बारे में रेल मंत्री के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ट्वीट कर रेल परियोजना का काम बंद होने की बात कही तो मंत्रालय महज पांच मिनट में हरकत में आया और रिट्वीट कर बताया कि इस बारे में संबंधित अधिकारी को समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट को लाइक कर इसका समाधान करने के बारे में संकेत दिए।